मधेपुरा : अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं पूर्व मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद, अनर्गल बयानबाजी कर जनता को कर रहे हैं गुमराह

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : नगर परिषद के पूर्व मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का प्रेस कॉन्फ्रेंस एक बार फिर से मधेपुरा की जनता को गुमराह करने साजिश है। जब सदन में मतदान चल रहा था तो यह मतान्ध लोग अपनी जीत सुनिश्चित मानकर विदेश में जश्न मना रहे थे।

 उक्त बातें पूर्व उप मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद के विपक्षी पार्षदों ने शुक्रवार को वार्ड नंबर 21 की वार्ड पार्षद कविता देवी के आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान कही। पार्षदों ने कहा कि पूर्व मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद के द्वारा तमाम कोशिशों के बाद भी मधेपुरा के सम्मान के लिए वर्षों से लड़ने वाले वार्ड पार्षदों ने ऐसे भ्रष्ट मतान्ध लोगों को सत्ता से बेदखल कर दिया। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसी बौखलाहट में किया गया था। सत्ता में बने रहने के लिए इन लोगों ने क्या-क्या कुकर्म नहीं किया है। मधेपुरा की जनता सब जानती है और आशा है जब न्यायालय भी जानेगी तो इन्हें वहां से भी उल्टे पांव बैरंग लौटना पड़ेगा।

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मनमानी और अज्ञानता दोनों हो गई उजागर : पार्षदों ने कहा कि नगर परिषद में इन दिनों लोगों ने आज तक कोई काम नियम संगत तरीके से नहीं किया और हम तो कहेंगे कि न्यायालय भी जो गए वह भी नियम संगत तरीके से नहीं गए हैं। यह लोग नगर परिषद को जागीर समझ कर उसका उपयोग और उपभोग किए हैं। शुक्रवार को सभी लोगों ने विभिन्न समाचार पत्रों में देखने के बाद इस मतान्ध लोगों की मनमानी और अज्ञानता दोनों उजागर हो गई है। इनके आरोपों को समझने की जरूरत है। बिहार नगरपालिका अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया नियमावली 2010 में साफ-साफ लिखा हुआ है कि मतदान विभाजन में समान मत प्राप्त करने की स्थिति में बैठक की अध्यक्षता करने वाले अध्यक्ष का मतदान निर्णायक होगा। अब समझ नहीं आता है कि जब तक अविश्वास के लिए मतदान प्रक्रिया का परिणाम नहीं आता तब तक अध्यक्ष को मतदान करने कैसे दिया जाता।

नगर परिषद कार्यालय की गोपनीयता पर सवाल खड़ा : जिस सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी फुटेज को अपना हथियार बना रहे हैं वह भी अवैध है। क्योंकि उसे इन लोगों ने अवैध तरीके से प्राप्त किया है। यह नगर परिषद कार्यालय की गोपनीयता पर सवाल खड़ा करता है। इस फुटेज को यह वैध तरीके से भी मांग सकते थे। बैठक के दौरान अध्यक्ष की मतदान को लेकर बहस हुई, जिस पर कार्यपालक पदाधिकारी ने अपने वरीय अधिकारी से मार्गदर्शन मांगा। जिसमें कई घंटे लगे। मार्गदर्शन में उन्हें अध्यक्ष से मतदान करवाने का निर्देश प्राप्त हुआ और जिसके बाद मतदान कराया गया। इसमें गड़बड़ी कहां हुई है। ऐसे में साफ जाहिर होता है कि पूर्व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष हार के बाद अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और अनर्गल बयानबाजी कर नगर की जनता को गुमराह कर रहे हैं। इन्हें नगर और नगर की जनता की कोई चिंता नहीं है। इन्हें तो बस नगर विकास के पैसे को लूट कर विदेशों के पांच सितारा होटलों में ठुमका लगाने से मतलब है। अभी तो सिर्फ बायो टॉयलेट घोटाला उजागर हुआ है, जल्द हीं और भी कई घोटाले सामने आएंगे। खुद को बचाने के लिए यह हाथ पैर मार रहे हैं। लेकिन कुछ हासिल होने वाला नहीं है। ऐसे भ्रष्ट लोगों का असली ठिकाना जहां है वहां जाना तय है।

मौके पर वार्ड पार्षद कुमारी विनीता भारती, डा अभिलाषा, अहिल्या देवी, कुमारी रूबी, निर्मला देवी, मनीष कुमार मिंटू, सुप्रिया कुमारी, कंचन कुमारी, रीता देवी, उषा देवी, कविता देवी, अनमोल कुमार, गोनर ऋषिदेव, ज्योति कुमारी सहित अन्य पार्षद प्रतिनिधि मौजूद थे।

वार्ड पार्षद ने कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपा आवेदन : नगर परिषद की गोपनीयता भंग करने वाले कर्मी वीडियोग्राफर पर कार्रवाई एवं 25 जून को आयोजित बैठक का वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को लेकर शुक्रवार को वार्ड नंबर 21 की वार्ड पार्षद कविता देवी ने कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार को आवेदन सौंपा है। कार्यपालक पदाधिकारी को दिए गए आवेदन में कविता देवी ने कहा कि नगर परिषद मधेपुरा के कई कार्यालय कर्मी नियमों को ताक पर रखकर काम करते आए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण 25 जून की बैठक का सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी का कार्यालय से बाहर निकलना है। यह घटना एक गंभीर मामला है।  अवैध तरीके से नगर परिषद की संपत्ति का बाहर जाना एवं उसकी गोपनीयता को भंग करना आपराधिक कृत्य है। अपराधिक कृत्य को अंजाम देने वाले कार्यालय कर्मी और वीडियोग्राफर पर कठोर कार्रवाई की जरूरत है, जिससे वह दोबारा ऐसी हरकत ना करें। वही कविता देवी ने कहा कि हमें आशंका है कि जब ऐसी हरकत कर सकते हैं तो वह उपलब्ध वीडियो में छेड़खानी भी कर सकते हैं। इस वीडियो को तोड़ जोड़कर जनता और संबंधित संस्था को गुमराह भी कर सकते हैं। इस परिस्थिति में हम महसूस कर रहे हैं कि इन वीडियो का मूल प्रति सिडी अथवा हार्ड डिस्क में उपलब्ध कराई जाए।
क्या कहते हैं पदाधिकारी : इस बाबत पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, मधेपुरा प्रवीण कुमार,  ने कहा कि वीडियो किसने लीक किया इस बात की जानकारी अभी तक नगर परिषद के पास नहीं आई है। हम लोग जांच कर रहे हैं और आपस में विचार कर रहे हैं कि क्या कार्रवाई उसके खिलाफ की जा सकती है। जैसे वीडियो लीक करने वाले व्यक्ति के बारे में हमें पता चलेगा हम एक्शन जरूर लेंगे।


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