मुजफ्फरपुर/बिहार : जिले में डायरिया के प्रकोप की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने स्वास्थ्य विभाग, कल्याण विभाग और आई सी डी एस के अधिकारियों के साथ एक बैठक की जिसमे उपयुक्त तीनो ही विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि परस्पर समन्वय के साथ चिन्हित महादलित टोलों में डायरिया के लक्षण, उसके रोक-थाम और उससे बचाव के बारे में सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाए और व्यापक प्रचार प्रसार करें।
इस हेतु आशा कार्यकर्ता, ए एन एम ,आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका और विकास मित्र एक टीम के रूप में कार्य करते हुए लोगों को जागरूक करें।वहीं सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि संबंधित क्षेत्रों में ओ आर एस का वितरण करना भी सुनिश्चित करें तथा सदर अस्पताल सहित सभी पी एच सी में इलाज की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त गांवो में विशेषकर महादलित टोलों में स्वच्छता को लेकर लोगो को जागरूक करें। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि कार्य मे शिथिलता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कहा कि आशा,ए एन एम,सेविका,सहयिका, विकास मित्र सभी हर घर को टच करते हुए व्यापक रूप से लोगों को डायरिया को लेकर जागरूक करें।उन्होंने कहा कि सघन जागरूकता से डायरिया जैसी बीमारी पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है।
वही सिविल सर्जन ने कहा कि डायरिया के प्रकोप की संभावना को देखते हुए पी एच सी वार और गावों में स्पेशल ड्राइव चलाया जा रहा है। वही बदलते मौसम के कारण डेंगू,चिकनगुनिया के खतरे को देखते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि अस्पताल प्रशासन अलर्ट रहे और साथ ही इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाए। सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है। साथ ही बेहतर इलाज के लिए दवाइयां और जांच किट उपलब्ध हैं।