मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय प्रशासन बातें तो बड़ी-बड़ी करती है। लेकिन काम के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। पांच माह पूर्व आयोजित किए गए स्नातक प्रथम खंड परीक्षा 2018 का परिणाम अभी तक नहीं दिया गया है। जबकि उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन दो माह पूर्व ही हो चुका है। परीक्षा विभाग के लचर व्यवस्था के कारण छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
इसके अलावा पीएचडी एडमिशन टेस्ट-2019 का रिजल्ट 28 को जारी होना था, जिसे तीन जुलाई को जारी किया गया। रिजल्ट जारी करने में देरी का कारण विश्वविद्यालय के जेनरेटर में खराबी होना बताया जा रहा है, जो सुनने में ही हास्यास्पद लगता है। पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से विश्वविद्यालय का जेनरेटर खराब है। लेकिन अभी भी मैकेनिक का इंतजार किया जा रहा है। जेनरेटर खराब रहने और बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद विश्वविद्यालय कर्मी गर्मी के कारण काम छोड़ कर बाहर निकल जाते हैं।
सही तरह से काम नहीं कर रहा है ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में यूएमआईएस के तहत शुरू किए गए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया सही तरह से काम नहीं कर रहा है। इस वजह से निर्धारित तिथि पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा 29 जून से एमएड में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया था। लेकिन चार दिन बाद भी एमएड में एडमिशन संबंधित कोई सूचना बेवसाइट पर जारी नहीं की गई है। जिसके कारण छात्रों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आवेदन संबंधी जानकारी के लिए छात्र विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन छात्राें को सही जानकारी नहीं दी जा रही है कि आखिर कब से एमएड के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी।
यहीं नहीं सोशल साइट्स के जरिए भी छात्र विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज आदि पर एमएड में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन संबंधित लिंक शेयर करने की मांग कर रहे हैं। एमएड में आवेदन की प्रक्रिया 10 जुलाई तक निर्धारित है।
बता दें कि इससे पूर्व भी पीएचडी एडमिशन टेस्ट-2019 के लिए आवेदन की प्रक्रिया निर्धारित तिथि से एक दिन बाद शुरू हुई थी। नोडल पदाधिकारी डा अशाेक कुमार ने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों के समय पर एमएड में ऑनलाइन आवेदन शुरू नहीं हो पाया था। बुधवार को शाम तक ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की संभावना है।