पटना/बिहार : सामाजिक योद्धाओं के तलाश का अगला पड़ाव 12 जून को सिवान जो गंगा मानव जाति का कल्याण करती है त्राण करती है उस गंगा के त्राण के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले समाजसेवी विकास चंद्र गुड्डू बाबा आज किसी परिचय या पहचान के मोहताज नहीं।
बिना किसी सरकारी या गैर सरकारी सहायता के सामाजिक मुद्दों को लेकर जनहित याचिकाओं के माध्यम से सरकार को कई सारे जनउपयोगी कानून बनाने के लिए बाध्य करने वाले बाबा बिहार के 38 जिलों में तलाश रहे हैं, निस्वार्थ भावना से किसी भी क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक योद्धाओं को। इसकी शुरुआत बिहार की राजधानी पटना से हो चुकी है । 12 जून को देशरत्न डा राजेंद्र प्रसाद की धरती सिवान में सामाजिक योद्धा सम्मान का दूसरा पड़ाव है। अगले महीने तक बिहार के 38 जिलों में सामाजिक योद्धा सम्मान आयोजित कर समाज के ऐसे समाजसेवियों को तलाशने का बीड़ा बाबा ने उठाया है जो समाज के बदलने वाले अभियान को आंदोलन का स्वरूप देंगे। जानिए क्यों खास है गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रणेता विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा : जनहित याचिकाओं के माध्यम से सामाजिक समस्याओं को दुरुस्त करने में लगे बाबा गंभीर रूप से बीमार होने के बावजूद न रुकते हैं न थकते है। सामाजिक अपराध करने वाले माफियाओं से लड़ते हैं तो दूसरी तरफ लालफीताशाही और घपलेबाज ओं के खिलाफ भी लड़ते हैं । लड़ाई ऐसी जिससे पूरा बिहार सुकून महसूस करता है। बात चाहे पटना को अतिक्रमण मुक्त कराने की हो चाहे गंगा को बचाने की बाबा सीना ताने हार न माने की तर्ज पर लगे रहते हैं। बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की पूरी व्यवस्था को सुधारने का श्रेय अगर किसी एक इंसान को जाता है तो गुड्डू बाबा को निस्वार्थ भावना से समाज की लड़ाई लड़ने वाले बाबा के दुश्मन भी कम नहीं । इसलिए पटना हाई कोर्ट ने इन्हें सरकारी अंगरक्षक मुहैया कराया है। बाबा इन दिनों बिहार के प्रत्येक जिले में समाजिक योद्धा तलाश रहे हैं जो उनके द्वारा चलाए जा रहे अभियान को आंदोलन का स्वरूप देंगे ।