वर्तमान राजद की अपरिपक्वता और लालू यादव की अनुपस्थिति के कारण महागठबंधन की हुई हार♦जन अधिकार पार्टी (लो) की राज्य कार्यकारिणी भंग, नये सिरे से होगा पार्टी का पुनर्गठन♦31 अगस्त को होने वाली जाप(लो) के राष्ट्रीय अधिवेशन में होगा अध्यक्ष का चुनाव
पटना/बिहार : लोकसभा चुनाव 2019 के बाद आज जन अधिकार पार्टी (लो) की समीक्षा बैठक राजधानी पटना के गेट टू गेदर हॉल में संपन्न हो गई, जिसमें पार्टी प्रदर्शन और आने वाले दिनों में पार्टी की रणनीति को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान पूर्व सांसद सह पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक पप्पू यादव ने वर्तमान राजद नेतृत्व पर बिहार में महागठबंधन और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में जो देश, देश के संविधान व लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और नफरत – डर के वातावरण के भय को दूर करने के पक्ष में थे, उन लोगों को धक्का लगा है। इसलिए कांग्रेस को आगामी 2020 के चुनाव में वर्तमान महागठबंधन से अलग होना चाहिए। यदि कांग्रेस ऐसा करती है, तो एक मजबूत विकल्प के रूप में बिहार की 11 करोड़ जनता को विकल्प दे सकती है।
पूर्व सांसद ने मधेपुरा और सीमांचल में महागठबंधन करारी हार के लिए वर्तमान राजद के अपरिपक्व नेतृत्व और लालू यादव की अनुपस्थिति को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा कि गैर लालू वाली वर्तमान राजद ने बिहार की जनता, दलितों, मुसलमानों, युवाओं, सेक्यूलर सोच के लोगों का विश्वास खोया है। वर्तमान राजद ने राज्य की जनता के साथ धोखा किया। हम कांग्रेस नेतृत्व के साथ मुलाकात करेंगे और 2020 की लड़ाई मजबूत गठबंधन के साथ लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम आने वाले चुनाव में संभावना तलाशेंगे और उम्मीद भी करेंगे। हमें लगता है कि 31 अगस्त के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद बिहार का हित चाहने वाले अली अशरफ फातमी, डॉ अरूण कुमार, रेणु कुशवाहा समेत कई ऐसे लोगों हैं, जिन्हें अपमानित कर अलग किया गया है। ऐसे सभी लोगों से बात कर एक नए बिहार और विकल्प के लिए पार्टी आगे बढ़ेगी। 2020 में बिहार का मजबूत विकल्प जनता आज जनता की प्राथमिकता है।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि हमने भक्त के रूप में पांच साल तक काम किया। जितना विकास मधेपुरा का हुआ, उतना कहीं नहीं हुआ। हम सेवा, मदद और न्याय की नई राजनीति की शुरूआत करना चाहते थे, ताकि इस देश का हर जनप्रतिनिधि देश की जनता के लिए खड़े हो। जिस मधेपुरा की जनता के लिए हमने पूर्णिया, खगडि़या छोड़ा, उसी ने इस उम्मीद को रौंद दिया। लोकसभा में सबसे अधिक आवाज हमने उठाई, जिसे बंद करने की भरपूर कोशिश वर्तमान राजद और समाज विरोधी बिचौलियों ने किया। वर्तमान राजद की लड़ाई रंजीत रंजन, पप्पू यादव, कीर्ति आजाद, कन्हैया, अली अशरफ फातमी जैसे लोगों को खत्म करने की थी। महागठबंधन की सभी पार्टियों में वर्तमान राजद ने उम्मीदवार थोपा। तीन फेज के चुनाव तक उन्होंने महागठबंधन धर्म से खुद को अलग रखा। वे देश और संविधान बचाने के लिए नहीं, बल्कि 2020 में अपनी कुर्सी पक्की करने में लगे थे। यही वजह है मुसलमान और यादवों का विश्वास लालू यादव ने खोया।
इससे पहले जाप(लो) के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री अखलाक अहमद ने बताया कि बिहार की 11 करोड़ जनता के बेहतरी के लिए पार्टी ने एक बेहतर गठबंधन के साथ विकल्प की तलाश में फैसला लेने के लिए पप्पू यादव को अधिकृत किया है। दूसरा पार्टी के बेहतर भविष्य और पुनर्गठन की बिहार प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने का निर्णय लिया गया। साथ ही पार्टी के सभी प्रकोष्ठों और जिलाध्यक्षों को भंग करने का निर्णय लिया गया है। तीसरी बात, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला कर 31 अगस्त को राष्ट्रीय अधिवेशन के जरिये पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनित किया जायेगा। इसके लिए बैठक में उपस्थित तमाम लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव को बनाया जाये।
बैठक सह संवाददाता सम्मेलन में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघ़पति प्रसाद सिंह, अजय कुमार बुल्गानिन, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता राघवेंद्र कुशवाहा, पार्टी महासचिव प्रेमचंद सिंह, राजेश पप्पू, महताब खान,अकबर अली परवेज, उमेर खान, महताब खान, शंकर पटेल, अरूण सिंह, अवधेश लालू, मनोहर यादव, नागेन्द्र त्यागी, पहाड़ी बाबा आदि लोग उपस्थित थे।