कन्हैया ‘विराट जन-गठबंधन’ के उम्मीदवार, लोग जाति-धर्म और पार्टी से ऊपर उठकर कर रहे समर्थन

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अनुप ना. सिंह
स्थानीय संपादक

पटना/बेगूसराय/बिहार : कन्हैया कुमार ‘विराट जन-गठबंधन’ के उम्मीदवार हैं। लोग जाति, धर्म एवं पार्टी से ऊपर उठकर उनका समर्थन कर रहे हैं। इसी वर्ष जून माह से लोग कन्हैया कुमार को संसद में गरीबों के पक्ष में आवाज उठाते हुये सुन-देख पायेंगे। यह बातें अमन समिति के संयोजक एवं आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी धनंजय कुमार सिन्हा ने कही।

धनंजय ने बताया कि बेगूसराय के लोगों के साथ-साथ पूरे देश से कन्हैया कुमार को मिल रहे जन-समर्थन को सहज ही महसूस किया जा सकता है। ऐसा लग रहा है कि मानो बेगूसराय में क्रांति के बीज बोये जा रहे हैं, जिसमें सभी वर्ग-जाति के लोग अपना-अपना योगदान दे रहे हैं।

धनंजय ने कहा कि इस चुनाव में बेगूसराय की सीट पर जाति एवं धर्म के समीकरणों को टूटते हुये स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

कन्हैया का जन्म अगड़ी जाति में हुआ, पर उन्हें अगड़ी जातियों से ज्यादा तमाम पिछड़ी जातियों का अपार समर्थन मिल रहा है। अलग-अलग पिछड़ी जातियों के अलग-अलग ठेकेदार नेताओं का शेष बिहार में तो ठीक-ठाक काम चल जा रहा है, किन्तु बेगूसराय में आम जनता ने उनकी ठेकेदारी पर कैंसिलेशन का मुहर लगा दिया है।

कन्हैया का जन्म हिन्दू धर्म में हुआ, पर उन्हें मुसलमान समाज का अपार जनसमर्थन मिल रहा है। वह भी तब, जबकि मुसलमानों को अपना पॉकेट वोट समझने वाले महागठबंधन से मुस्लिम समाज के ही प्रत्याशी कन्हैया के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। मुसलमान समाज के लोग कह रहे हैं कि कन्हैया ने अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ जितनी शिद्दत और बुलंदी से आवाज उठाया, उतना किसी मुस्लिम नेता ने भी नहीं उठाया।

जदयू, लोजपा, राजद एवं काँग्रेस के स्थानीय नेता-पदाधिकारी खुलेआम कन्हैया कुमार के मंच पर आ जा रहे हैं। उनमें से अधिकतर पदाधिकारियों का तर्क है कि इस चुनाव में वे स्थानीय उम्मीदवार के तौर पर कन्हैया कुमार का समर्थन कर रहे हैं। कुछ का यह भी कहना है कि कन्हैया संसद पहुँचेगा तो कम-से-कम मोदी के आँख में आँख मिलाकर सवाल तो पूछेगा।

कुछ लोग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के कैडर हैं, इसलिये कन्हैया कुमार के पक्ष में काम कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनके पुरखे कम्युनिस्ट रहे, इसलिये वे कन्हैया का समर्थन कर रहे हैं।

मोदी जी के झूठ एवं वादाखिलाफी से परेशान लोग भी कन्हैया कुमार के कंधे-से-कंधा मिलाकर उनका समर्थन कर रहे हैं। कन्हैया कुमार को अन्य वाम पार्टियों एवं आम आदमी पार्टी का भी समर्थन हासिल हैं। इन पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता कन्हैया कुमार के लिये प्रचार-प्रसार का भी काम कर रहे हैं।

धनंजय ने कहा कि पूरे देश के लोगों की धड़कनें कन्हैया कुमार के लिये सकारात्मक आशा के साथ धड़क रही हैं। अगर भारत में प्रधानमंत्री पद का चुनाव अमेरिका की तरह प्रेसिडेंशियल मॉडल में हो रहा होता, अगर देश की जनता के पास प्रधानमंत्री पद के लिये सीधे वोट देने का विकल्प होता, अगर वोटिंग मशीन में देश की जनता के पास मोदी एवं कन्हैया में से किसी एक के पक्ष में बटन दबाने का अवसर होता, तो देश की जनता कन्हैया को ही चुनती और मोदी को रिप्लेस कर देती।

हालाँकि धनंजय ने यह भी कहा कि वे खुद एवं कन्हैया भी प्रधानमंत्री पद के लिये अमेरिका की तरह प्रेसिडेंशियल मॉडल इलेक्शन के पक्षधर नहीं हैं। कन्हैया के पक्ष में देशभर से मिल रहे विराट जनसमर्थन की स्थिति को दर्शाने के उद्देश्य से उन्होंने ऐसा कहा।

धनंजय ने कहा कि कन्हैया कुमार 5 लाख से अधिक मतों से विजयी होंगे।


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