किशनगंज/बिहार : डा. फरजाना, किशनगंज की फिजाओं में इत्र की तरह फैलने वाली खुशबू का नायाब नाम है, जिसने सरकारी नौकरी छोड़ “महिला सशक्तिकरण “को अपनी मंजिल चुनी । पिछले 20 वर्षों से एक एन जी ओ “राहत” के जरिये यहाँ अपना मुकाम कायम करने में कामयाब हुई । जिसे लेकर “राहत ” संस्था के कई एक्टीविटीज लोगों के सामने आ रहे हैं । कहने से गुरेज़ करना बेईमानी होगी कि देश नहीं विदेशों में भी डा.फरज़ाना ने किशनगंज के नाम को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी ।
महिला शिक्षा, महिलाओं में जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के हक –हुकुक की लड़ाई सहित अच्छे कार्यों से डा.फरजाना की पहचान बनी । शोषित महिलाओं की आवाज बनकर उभरी फरज़ाना आज जागरुकता के क्षेत्र में मील का पत्थर बनकर जिला के सभी महकमाओं में अपनी पहचान बना रखी है । अभी हाल के दिनों में कृषि विज्ञान केन्द्र के आयोजन एवं दो दिवसीय परिवार नियोजन जागरूकता पर शिक्षानगर ईंसान स्कूल में डा.फरज़ाना अपनी अहम भूमिकाओं में नजर आईं । जहाँ जी एच एस और राहत संस्था के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । जहाँ सम्मिलित चैम्पियनो को परिवार नियोजन के महत्व, गर्भ निरोधक के विभिन्न साधनो, सरकार द्वारा उपलव्ध बास्केट आफ चांसेस आदि को अपना कर सरकार के परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम में पटना से आये विशेषज्ञ सहित शबाना, डा.शालिनी प्रसाद, डा.निधि प्रसाद मुख्य साधनसेवी मौजूद थी । जिन्होने चैम्पियनो से इस दिशा में महत्वपूर्ण जानकारियों को साझाकरते हुए, बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की उद्देशों से अवगत कराया ।
इस दौरान राहत की सचिव डा.फरज़ाना ने काफी विस्तार से परिवार कल्याण और उसके लिए अनेकों उपायों को अपनाने की विस्तृत जानकारिया़ं दी । खासतौर पर इस क्षेत्र में एक के द्वारा चार चार शादियां और उसके दुष्परिणाम पर डा.फरजाना की सोच एक महत्वपूर्ण विन्दू पर प्रकाश डालती चली गयी । जिससे बचने पर सुखी और शांत परिवार की स्थापना की जा सकती है ।
गौरतलब है कि राहत की बातें अगर यहां की महिलाओं ने गांठ बाधी तो वो दिन दूर नहीं जब परिवारिक कलह , वाद विवाद और तलाक जैसे दर्दनाक पहलुओं को किशनगंज से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है ।