सुपौल/बिहार : सुपौल और अररिया जिला की सीमा पर अवस्थित बसंतपुर प्रखंड के कुसहर पंचायत के लालपुर गोठ पथरहा में तीन दिवसीय अजीमुश्शान इज्तेमा का समापन रविवार को लाखों की संख्या में शामिल लोगों की दुआ के साथ हुआ। इज्तेमा में शामिल लोगों ने देश में अमन व शांति की दुआ मांगी ।
लगभग एक हजार एकड़ क्षेत्र में फैले तीन दिवसीय इज्तेमा में भारत और नेपाल के विभिन्न जिलों से लाखों लोग शिरकत किया था । इंतिजामिया कमिटी के जानिब से लगभग एक हजार शौचालय, एक हजार मूत्रालय और मेडिकल कैम्प, अग्निशमन वाहन, एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई थी । जगह जगह सड़क पर स्थानीय लोगों ने इज्तेमा में शिरकत करने वाले लोगों के इस्तकबाल में शरबत और पानी का बोतल, बिस्किट देते नजर आए । तीन दिनों के इस इज्तेमा में दीन की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
इज्तेमा में दिल्ली से आए ओलेमाओ ने अपने सम्बोधन (तकरीर) में बताया कि दीन की पाबंदी हर मुसलमान पर लाजिम है। खुदा को इस्लाम की तब्लीग का काम हर अमल से ज्यादा पसंद है। ऐसे में हमें दीन की कामयाबी के लिए तब्लीग का काम नियमित रूप से करना चाहिए। ओलेमाओ ने कहा कि महिलाओं को भी भरपूर दीनी तालीम देना जरूरी है। जिस दिन महिलाओं के अंदर दीनी तालीम आम हो जाएगी, हमारी नस्लें खुद ब खुद बुराइयों से बचेंगी। उलेमा ने मौजूद लोगों से नबी की तालीम जनसामान्य तक पहुंचाने की अपील किया। मौलाना ने कहा कि नमाज पढ़ने से इंसान गुनाहों से दूर रहता है।
उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने से दिल मजबूत रहता है और अल्लाह पाक से खौफ आता है। इसके अलावा, रमजान में रोजे भी रखना बेहद जरूरी है। नमाज दीन का सुतून है। जो शख्स नमाज नहीं पढ़ता वो दीन से दूर है। उसके दिल से अल्लाह की मोहब्बत दूर हो जाती है ।