मधेपुरा : हम प्रकृति का विवेकपूर्ण उपभोग करें-कुलपति

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण में ही मानव का हित निहित है। प्रकृति बचेगी, तभी मानव जीवन बचेगा। यह बात कुलपति प्रो डा अवध किशोर ने कही। वे रविवार को बीएनएमयू के नार्थ कैम्पस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में उद्घाटनकर्ताके रूप में बोल रहे थे। स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार का विषय प्राकृतिक आपदा और मानसिक स्वास्थय था।

कुलपति ने कहा कि हमें प्रकृति के साथ मिलकर जीने की कला सीखनी होगी। हम प्रकृति का विवेकपूर्ण उपभोग करें। महात्मा गांंधी ने कहा है कि यह धरती हम सबों की आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है, लेकिन यह हमारी लोभ-लालच को पूरा नहीं कर सकती है।

भारत और नेपाल दोनों विकासशील देश 

कुलपति ने कहा कि विकास की अंधदौड़ में हम प्रकृति-पर्यावरण से दूर जा रहे हैं और हम प्रकृति के दुश्मन बन गए हैं। हम जंगलों को काट रहे हैं, पहाड़ों को तोड़ रहे हैं और नदियों को बांध रहे हैं। इसके कारण प्राकृतिक असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो गई है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय, विराटनगर (नेपाल) के कुलपति डा घनश्याम लाल दास ने कहा कि भारत और नेपाल दोनों विकासशील देश हैं। दोनों ही देश प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हैं। दोनों को विकास की दौड़ में आगे ले जाने के लिए प्राकृतिक आपदाओं से बचाव जरूरी है।

 दोष तकनीकी का नहीं, उसके उपयोगकर्ता का 

बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति डा अमरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि है। यहांं के लोग तकनीकी का समुचित सदुपयोग करें, तो प्राकृतिक आपदाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है। दोष तकनीकी का नहीं, बल्कि उसके उपयोगकर्ता का है। मुख्य वक्ता डा जीएस राय ने कहा कि प्राकृतिक आपदा एक वैश्विक समस्या है। इन आपदाओं का जीवन के सभी क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ता है और इससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी कुप्रभावित होता है। इसके कारण भय, चिंता, अवसाद, अनिंद्रा, स्मृतिलोप आदि समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
सभी प्राकृतिक आपदाएंं मानवजनित 
प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि कुसहा से केदारनाथ एवं केरल तक की सभी प्राकृतिक आपदाएंं मानवजनित हैं। ये हमारे अविवेकपूर्ण क्रिया-कलापों के कारण घटित हुई हैं। इसके पूर्व अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्प देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कुलानुशासक डा अशोक कुमार ने विश्वविद्यालय का परिचय प्रस्तुत किया। अध्यक्षता डा रामचंद्र प्रसाद मंडल, संचालन पृथ्वीराज यदुवंशी और धन्यवाद ज्ञापन डा एचएलएस जौहरी ने किया।

इस अवसर पर नेपाल के डा डीके टागुना, डा बिजू कुमार थपलियाल, डा राजेश कुमार, पूर्व प्रति कुलपति डा केके मंडल, पूर्व कुलसचिव डा शचीन्द्र महतो, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, पीआरओ डा सुधांशु शेखर, डा अरूण कुमार मिश्र, डा उर्मिला मिश्रा, डा जनार्दन प्रसाद यादव, डा कपिलदेव प्रसाद यादव, डा आरकेपी रमण, डा कैलाश प्रसाद यादव, डा शंकर कुमार मिश्र, डा रीता सिंह आदि उपस्थित थे।


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