मधेपुरा/बिहार : जम्मू कश्मीर अंतर्गत पुलवामा के अवंतीपुरा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 शहीद जवानों को एआईएसएफ ने श्रद्धांजलि दी।
समाहरणालय के मुख्य द्वार पर बाबा साहब अंबेडकर के प्रतिमा के समक्ष कैंडल जलाकर देश के सपूतों एवं पुलवामा के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश को बचाना है तो आतंकवाद को जड़ मूल से मिटाना होगा।
मौके पर संगठन के पूर्व सचिव एवं भाकपा के राष्ट्रीय पार्षद प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि आतंकवाद देश की सबसे बड़ी समस्या है, उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमें एकजुट होकर लड़ना होगा। केंद्र सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस नीति बनाए एवं कठोर कदम उठाएं। नेता श्री प्रभाकर ने कहा कि कश्मीर में अब महबूबा सरकार नहीं राष्ट्रपति शासन है, फिर भी खुफिया एजेंसी के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ क्यों नहीं की गई? कहीं ना कहीं हमारी सुरक्षा व्यवस्था की चूक है।
उन्होंने कहा कि शहीद जवानों की लाश की राजनीति से बचना चाहिए। सभी दलों एवं आम जनों को एकजुट होकर दुश्मनों को सबक सिखाना चाहिए, यही शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला आजाद भारत का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उन्होंने कहा कि आतंकी द्वारा जवानों का कत्लेआम बर्दाश्त नहीं की जा सकती, हमें आतंकवाद से निजात पाना होगा. हमारे पुरखों ने देश को आजाद कराने में बड़ी संख्या में कुर्बानी दी है. आज जरूरत है कि देश को बचाने के लिए एवं आतंकवाद को नष्ट करने के लिए हमें कोई भी कुर्बानी देने को तैयार रहना होगा। हम बहादुर शाह जफर एवं मोहम्मद हामिद के वंशज हैं। उन्होंने शहीद के परिजनों को 50-50 लाख मुआवजा देने की मांग की है।
मौके पर पार्वती विज्ञान महाविद्यालय मधेपुरा के छात्रसंघ अध्यक्ष नीतीश कुमार, छात्र नेता मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद रईस, मोहम्मद फैयाज, किशोर कुमार भारती, बाबुल, वीरेंद्र, आजाद, मोहम्मद अकरम, मोहम्मद नौशाद, शुभम कुमार, गजोधर, नूर आलम, अकरम , फारूक, सनी, मोहम्मद साहिल आदि शामिल थे।