मधेपुरा : नगर परिषद् में फैली तानाशाही और घोर अनियमितता के खिलाफ अनिश्चितकालीन आंदोलन आगाज, मुख्य पार्षद पर गबन का आरोप

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पार्षदों और लाभुकों का आरोप  कमीशन के चक्कर में पैसे की कमी नहीं रहने के बावजूद आवास योजना का दूसरा लाभुकों नहीं दिया गया  साफ़ सफाई के नाम पर प्रति माह 20 लाख खर्च होने के बावजूद शहर में कचड़े और गन्दगी का अंबार ♦ स्ट्रीट लाईट की खरीदारी में गुणवत्ता को किया गया नजरअंदाज ♦ ख़राब लाइटों का सरजमी पर मेंटेनेंस नहीं लेकिन मेंटेनेंस और बिजली बिल का हो रहा है भुगतान  नल-जल योजना के तहत बोरिंग और पाइप लाइन में भी घोर अनियमितता ♦ कार्यपालक पदाधिकारी से मिली भगत कर मुख्य पार्षद ने दो माह में विभिन्न मदों में कर ली 11 करोड़ से अधिक की निकासी ♦ 8 माह पूर्व डीएम से लिखित शिकायत के बावजूद अबतक कारवाई क्यों नहीं ?  

अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : नगर परिषद में 14 करोड़ के घोटाले तथा 2 वर्षों से आवास योजना के लाभुकों को राशि नहीं मिलने के खिलाफ नगर परिषद प्रांगण में गुरुवार को अनिश्चितकाल तक उग्र प्रदर्शन के लिए लाभुक एवं पार्षद डटे रहे।

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मौके पर उपस्थित पार्षदों ने कहा कि नगर परिषद तानाशाही और लूट का अड्डा बन चुका है। सभी लोग खुद भी अनुभव कर सकते हैं कि नगर परिषद से जो लोगों की अपेक्षा रहती है, वह पूरी नहीं हो पा रही है। लोगों ने हमें चुना, हमने लोगों की जरूरत को सदन में उठाया, लेकिन हम लोगों की बात नहीं सुनी गई। डीएम सहित सांसद, मंत्री, विधायक और विभाग को गड़बड़ी से अवगत कराया। लेकिन डीएम के द्वारा जांच आठ महीनों से चल रही है। अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। इसलिए हम तमाम वार्ड पार्षद नगर के साथ हो रहे अन्याय की लड़ाई को सदन से सड़क पर ले जाने को बाध्य हो गए हैं।

पार्षदों ने कहा कि नगर परिषद में 20 लाख रुपए प्रतिमाह साफ सफाई पर खर्च हो रही है। क्या वार्ड साफ हो रहा है। हर घर से कचरा कलेक्शन होना है। क्या लोगों को घर से कचरा कलेक्शन किया जा रहा है? यदि बात रोशनी को लेकर की जाए तो वर्ष 2016 में स्ट्रीट लाइट खरीदी गई थी। जिसमें शर्त था कि लाइट का मेंटेनेंस संवेदक द्वारा किया जायेगा।

सबसे पहले तो जो लाइट खरीदी गई वह गुणवत्ताहीन थी। लिहाजा कुछ महीनों में ही खराब होने लगी। संवेदक द्वारा उसे ठीक तक नहीं किया गया। ठीक करने के नाम पर कई लाइट खोली गई, लेकिन आज तक वहां नहीं लगाया गया। नगर के मोहल्ले आज भी अंधेरे में है, लेकिन मेंटेनेंस और बिजली बिल का भुगतान हो रहा है।

सबसे बड़ा मजाक तो गरीबों के साथ हो रहा है। वर्ष 2017 में लोगों को प्रधानमंत्री आवास का प्रथम किस्त मिला। वे अपना पुराना घर तोड़कर नए घर बनाने लगे। लेकिन आज तक उनलोगों को दूसरा किस्त नहीं मिला। लोग अधूरे घरों में पन्नी और त्रिपाल टांगकर रहने को विवश है। आंधी, तूफान, बारिश को सहा। नई सूची बनी भी, कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है।  नगर परिषद क्षेत्र में हर घर स्वच्छ जल नल का जल पहुंचाने वाली योजना लूट की योजना बन गई है। लगभग 16 करोड़ के बजट के बाद भी नगर वासियों को एक बूंद स्वच्छ जल नसीब नहीं हो रहा है।

इन घोटालों और आवास योजना के खिलाफ गुरुवार को नगर परिषद प्रांगण में अनिश्चितकालीन तक घेरा डालो – डेरा डालो प्रदर्शन किया गया।

 

कार्यपालक पदाधिकारी, प्रवीन कुमार

वहीँ इस बाबत कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीन कुमार ने द रिपब्लिकन टाइम्स के सवाल पर कहा कि सभी आरोपों की जांच चल रही है जाँच के बाद कारवाई जरुर होगीआवास योजना के दूसरे क़िस्त पर उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अन्दर कैंप के माध्यम से लाभुकों को दूसरे क़िस्त का भुगतान कर दिया जायेगा एक सवाल के जवाब में कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि डोर टू डोर कचरा कलेशन और नगर परिषद् के सभी वार्डों में बने नाले की जाँच मैं खुद से कर रहा हूँ जल्द ही जाँच प्रक्रिया पूरी कर दोषियों पर करवाई की जाएगी 

मौके पर पार्षद विनीता भारतीडा अभिलाषा कुमारीअहिल्या देवीकुमारी रुबीनिर्मला देवीमनीष कुमार मिंटूचंद्रकला देवीसुप्रिया कुमारीज्योति कुमारीकुमारी कंचनउषा देवीकविता देवीगोनर ऋषिदेवअनमोल कुमाररिता कुमारी सहित पार्षद प्रतिनिधि मुकेश कुमार मुन्नारविंद्र प्रसाद यादवसुनील कुमारडा ललन कुमारपंकज यादवविजय कुमार पंडितराजेश यदुवंशी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।


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