सर्वार्थ सिद्धि योग व रविसिद्ध योग के महासंयोग में 10 को होगी सरस्वती पूजा, नौ वर्षों के बाद रविसिद्ध योग, नवजात शिशुओं का होगा अक्षरारंभ

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अनुप ना. सिंह
स्थानीय संपादक

पटना/बिहार : माता सरस्वती बुद्धि और विद्या की देवी हैं। मान्यता है कि जिस छात्र पर मां सरस्वती की कृपा हो उसकी बुद्धि बाकी छात्रों से अलग और बहुत ही प्रखर होती है। ऐसे छात्र को कोई भी विद्या आसानी से प्राप्त हो जाती है। खासतौर पर बसंत पंचमी में दिन यदि कोई छात्र मां सरस्वती की अराधना करे उनके मंत्र का जाप करें या कोई अन्य उपाय करें तो मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। माघ शुक्ल पंचमी रविवार 10 फरवरी को विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा होगी। इसी दिन मां सरस्वती का अवतार भी हुआ था। सरस्वती ब्रह्म की शक्ति के रूप में भी जानी जाती हैं।

कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष माता सरस्वती की पूजा पर ग्रह-गोचरों का महासंयोग बन रहा है। उन्होंने पंचांगों के हवाले से बताया कि सरस्वती पूजा पर रेवती नक्षत्र, रविवार, रवि सिद्धियोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और 10 तारीख का महासंयोग बन रहा है। माघ शुक्ल पंचमी शनिवार नौ फरवरी की सुबह बनारसी पंचांग के अनुसार 08:54 बजे से तथा मिथिला पंचांग के तहत प्रातः 09:06 बजे से शुरू होगा जो रविवार 10 फरवरी को 10:10 बजे तक है। पूजन के समय अबूझ नक्षत्र का भी संयोग बना है। माता का पूजन का सबसे शुभ मुहुर्त प्रातः 6.30 बजे से शाम 03:54 बजे तक है।

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सरस्वती पूजा से अक्षरारंभ का होगा शुभारंभ

पंडित झा के मुताबिक सरस्वती पूजा पर मंत्र दीक्षा, नवजात शिशुओं का अक्षरारंभ भी किया जाता है। इस तिथि पर माता सरस्वती के साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, पुस्तक-लेखनी और वाद्य यंत्र की पूजा अति फलदायी मानी जाती है। श्रद्धालु एक-दूसरे को अबीर-गुलाल भी लगाते हैं। बसंत पंचमी के दिन ही गुप्त नवरात्र का पांचवा पूजा किया जाता है I

पीले रंग का संबंध गुरु ग्रह से

ज्योतिषी राकेश झा शास्त्री ने मान्यताओं के आधार पर बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने पीतांबर धारण करके विद्या की देवी सरस्वती का पूजन माघ शुक्ल पंचमी को किये थे I उन्होंने बताया कि पीले रंग का संबंध गुरु ग्रह से है जो ज्ञान, धन हुए शुभता के कर्क मने जाते है I इस ग्रह के प्रभाव से धनागमन, सुख व समृद्धि की प्राप्त होती है I इसीलिए इस दिन श्रद्धालु पीले रंग के वस्त्र पहनते है।

राशि के अनुसार करे मां सरस्वती की आराधना

मेष- सिंदूर, लाल फूल, गुलाबी अबीर अर्पण करे I मंत्र- ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नमः

वृष – हरे रंग की कलम, पीला फूल चढ़ाए I मंत्र – ॐ कौमुदी ज्ञानदायनी नमः

मिथुन- श्वेत रंग की कलम, अपराजिता पुष्प, नारियल अर्पण करे I मंत्र – ॐ मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नमः

कर्क – लाल कलम, इत्र, अभ्रक चढ़ाए I मंत्र – ॐ मां चंद्रिका देव्यै नमः

सिंह- पीले रंग की कलम, लाल फूल, अभ्रक अर्पित करे I मंत्र- ॐ मां कमलहास विकासिनि नमः

कन्या- गुड़, अबीर, इत्र अर्पण तथा पुस्तक का दान करे I मंत्र- ॐ मां प्रणवनाद विकासिनि नमः

तुला- नीला कलम, पंचामृत, गुलाबी अबीर, इत्र चढ़ाए I मंत्र- ॐ मां हंसुवाहिनी नमः

वृश्चिक- सफेद रेशमी वस्त्र, ऋतुफल, गंगाजल अर्पित करे I मंत्र -ॐ शारदे दैव्यै चन्द्रकान्ति नमः

धनु- श्वेत चंदन, अबीर, पीला फूल चढ़ाए I मंत्र- ॐ जगती वीणावादिनी नमः

मकर- अरबा चावल, दही, पुष्प माला, शहद अर्पण करे I मंत्र- ॐ बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नमः

कुंभ- खीर, पीला अबीर, इत्र चढ़ाए I मंत्र- ॐ ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नमः

मीन- सफेद वस्त्र, पीला फूल, घी अर्पित करे I मंत्र- ॐ वरदायिनी मां भारती नमः


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