मधेपुरा/बिहार : भले ही विकास के इस दौर में शहर से लेकर गाव की गलियों तक चकाचक सड़कें बन रही हो। हर गाव को पक्की सड़क से जोड़ने के बड़े-बड़े दावे हो रहे हों। लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा एवं राजनेताओं में विकास की इच्छाशक्ति नहीं होने के चलते बालाटोल गाँव से बलिया एवं मधेली गाँव तक जानेवाली सड़क अपनी बदहाली पर आसू बहा रही है। आलमनगर प्रखंड के मधेली गाँव को जोड़नेवाली इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों लोग सफर करते हैं। दिनभर वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। फिर भी किसी को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं है। सड़क में जगह-जगह बने गढ्डे व उबड़-खाबड़ सड़क इसकी जर्जरता को खुद बया करती है। सड़क जर्जर होने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसके चलते इस मार्ग में अक्सर हादसे भी होते रहते हैं। जबकि बरसात के दिनों में तो सड़क की हालत और भी नारकीय हो जाती है। जगह-जगह टूटी सड़क कई जगह तो पूरी तरह कीचड़मय हो जाती है। जिससे होकर निकलना राहगीरों को मुश्किल हो जाता है।
इस पथ का कालीकरण पूरी तरह उखड़ कर गड्ढे बन चुके हैं। इधर पिछले साल विभाग द्वारा उक्त सड़क पर ईट का टुकड़ा डालकर मरम्मत भी हुआ पर वह भी जर्जर हो गया है। इस सड़क पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है। जर्जर सड़क पर आये दिन वाहनों का दुर्घटना होना बदस्तूर जारी है। उधर वाहनों के आवागमन से सड़क पर धूलकणों उड़ना लोगों के लिए जानलेवा सिद्ध हो रहा है। धूलकणों के कारण वाहनों के आवागमन के दौरान सड़क पर धुंआ छा जाता है और सामने से आ रहे वाहन तक दिखाई नहीं देते है। सड़क पर उरते धूलकण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है।
स्थानीय ग्रामीण मनोज यादव, राजेश कुमार, मो0 आफाक, मो0 सलमान, दिपक कुमार, महेन्द्र श्रृषिदेव आदि ने जिला पदाधिकारी से अविलंब इस ओर पहल करने की मांग की है। ताकि राहगीरों को मुसीबत नहीं झेलनी पड़े।