शराफ़त खान के साथ मो0 नदीम रब्बानी की रिपोर्ट
वैशाली/बिहार : इंसान अपने कर्मो से जाना जाता है। यह कहावत उस समय सार्थक होती दिखी, जब गुरूवार को सिमड़वारा स्थित मदरसा फैज़ाने हुसैन के प्रांगण में, तेगिया सिलसिले के “बुजुर्ग सुफी अबुबकर तेग़ी” के नमाज़े जनाजा में देखा गया। उनके नमाजे जनाज़ा में हज़ारों लोगों ने अपने – अपने नम आँखों से उनको सपुर्दे खाक किया।
मालूम हो की उनकी निधन मंगलवार को देर रात कोलकाता में हो गई थी। उनके निधन पर पैतृक स्थान महुआ प्रखंड क्षेत्र के हसनपुर भदवास सहित पूरे पातेपूर प्रखंड क्षेत्र में मातमी सन्नाटात छाया रहा। उनकी नमाजे जनाज़ा गुरुवार दो बजे दिन में पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के चक सिमडवारा स्थित मदरसा फैज़ाने हुसैन के करबला मैदान में हुई । जहाँ नमाज़े जनाज़ा हज़रत मौलाना हामीदुर कादरी ने पढ़ाया। उनके निधन पर हज़ारो लोगों ने ग़म का इज़हार किया।
नमाज़े जनाज़ा में मुख्य रुप से उनके पुत्र हज़रत मौलाना मुफ़्ती अबुनसर मिस्बाही, मुफ्ती अली रजा मिस्बाही,मोहम्म्द नईम खान, मदरसा के सचिव मोहहम्द इजहार अहमद, राजद के महुआ प्रखंड अध्यक्ष मो0 नसीम रब्बानी, युवा शायर मकबुल अहमद, डॉ0 इरफान खान,कारी जावेद अख्तर फैजी, मौलाना आसीफ रज़ा मुफ्ती, हामीदुलकादरी, कारी अफ़रोज़, मौलाना कसीमुलहक, मौलान मोख्तार कादरी, हाफीज सईद, हाफ़िज़ शोहरत वैशाल्वी, अब्दुल हन्नान खान, मोहम्म्द मुर्तजा, मोहम्म्द मोख्तार खान, रियाज़ अहमद, मास्टर कलीम अशरफ, मोहम्म्द शहनवाज़ आलम आदी हज़ारों लोगों ने उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सुपुर्द खाक किया । नमाज़े जनाज़े के बाद लोगो ने देश दुनिया मे अमन शांति भाईचारे की दुआ माँगी।