मधेपुरा : बिहार टी ई टी/ सी टी ई टी उत्तीर्ण शिक्षक बहाली मोर्चा के बैनर बी.टी.ई.टी /सी.टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन

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राकेश रौशन
संवाददाता
सदर, मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : बिहार टी ई टी/ सी टी ई टी उत्तीर्ण शिक्षक बहाली मोर्चा के बैनर तले शनिवार को युवा दिवस के अवसर पर बी.टी.ई.टी /सी.टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा मुख्यालय स्थित कला भवन के सामने एक दिवसीय धरना सह मशाल जुलूस का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता रणधीर कुमार ने की। धरना के माध्यम से दोषपूर्ण शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षक बहाली पर बिहार सरकार की जमकर आलोचना की गई।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिहार के प्राथमिक विद्यालय में 82 378 एवं प्राथमिक विद्यालय में 12 1556, कुल मिलाकर 20 3934 पद शिक्षकों का रिक्त पद है।” वर्तमान में बिहार के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र एवं शिक्षक का अनुपात 63:1 है। जबकि एन. सी .टी.ई. के नियम के अनुसार छात्र एवं शिक्षक का अनुपात 30 :1 होना चाहिए।” एन.सी.टी.ई. नियमों के अनुसार विद्यालय में 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों का पद रिक्त नहीं होना चाहिए। जबकि वर्तमान में लगभग 35 प्रतिशत पद रिक्त है । बिहार के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2005 से 2017 के बीच छात्रों की संख्या में 50.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीँ वर्ष 2014 से 2018 तक के बीच कोई भी बहाली नहीं की गई, जो शिक्षा व्यवस्था के नियमों के विरुद्ध है। एक ओर प्रशिक्षित बी.टी.ई.टी.एवं सी.टी.ई.टी. पास योग्य शिक्षक नियुक्ति के लिए वर्ष 2017 से तरस रही है। दूसरी ओर सरकार समान काम समान वेतन का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबीत होने का बहाना बना रही है। जबकि पिछले वर्ष ही अम्बेदकर आवासीय विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की गई। एकतरफ प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की भरमार है। जिसकी जांच चल रही है। कब तक पूरी होगी इसकी समय सीमा निश्चित नहीं है। दूसरी तरफ प्रशिक्षित एवं प्रतियोगिता के तहत बी. टी.ई. टी. उत्तीर्ण योग्य शिक्षक नियुक्ति के अभाव में शिक्षा के दुर्भाग्यपूर्ण व्यवस्था एवं कुटनीति का दंस झेल रही है।

अभ्यार्थियों की प्रमुख माँगे –

(1)- प्रारंभिक विद्यालयों में लाखों रिक्त पदों पर शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाय ।
(2)- बी.टी.ई.टी.एवं सी.टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की संपूर्ण बहाली की जाय।
(3)- बिहार की स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दी जाए।
(4)- बहाली प्रक्रिया केंद्रीकृत हो , जिससे समय की बचत व प्रक्रिया सरल व पारदर्शी बनें ।
बी.टी.ई.टी.एवं सी.टी.ई.टी.उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने धरना के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर बिहार सरकार तक पहुंचा कर अतिशीघ्र बहाली खुलवाने का अनुरोध किया, साथ ही साथ शिक्षा व्यवस्था का घोर विरोध किया। बिहार की शिक्षा व्यवस्था निंदनीय है। छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि अगर इस महीने के अंतिम तारिख तक में शिक्षक बहाली के लिए विज्ञापन जारी नहीं किया गया तो केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नोटा का प्रयोग करेंगे और साथ ही तकालीन राज्यस्तरीय आमरण अनशन किया जाएगा ।

इस मौके पर जिला अध्यक्ष रणधीर कुमार, जिला संयोजक आभास कुमार, जिला सचिव सुमन कुमार, जिला कोषाध्यक्ष बबलू कुमार, अजीत, अनिल, आनंद भूषण, ब्रजेश, तेज नारायण, पिंटू ,सोनी राज, स्मिता, पूजा प्रिया, रंम्भा, नीलू ,अन्नपूर्णा ,प्रीति, रामनरेश, पप्पू ,मंतोष, अमित, आलोक, नीरज, रोशन कुमार, आलोक कुमार, आशुतोष कुमार, अमरकांत अमर, चंदन कुमार, विद्यानंद, अखिलेश कुमार, महादेव, सौरभ, चंदन कुमार, विकास, मिथिलेश, दुष्यंत, सरोज ,ललन , अभिनंदन, प्रमोद, संजीव सहित अन्य मौजूद थे ।


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