मधेपुरा/बिहार : बुधवार को मधेपुरा जिला के मंडल कारा में जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला पुलिस अधीक्षक संजय कुमार एवं सदर एसडीएम वृंदा लाल ने सघन छापेमारी की। छापेमारी का क्रम लगभग ढाई घंटे से अधिक तक जारी रहा।
इस दौरान डीएम, एसपी तथा एसडीएम ने कैदियों के उपस्थिति पंजी का भी निरीक्षण किया। जेल में छापामारी होने से कैदियों के बीच हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गयी। इस दौरान रसोइघर और शौचालय की भी तलाशी ली गयी। वही डीएम, एसपी तथा एसडीएम ने मंडल कारा में उपस्थित सभी कैदियों से हुई वार्ता किया। कैदियों से जेल की व्यवस्था तथा कैदियों को होने वाली समस्याओं की भी जानकारी ली गई। छापेमारी के दौरान सभी कैदियों का सदर अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा मेडिकल जांच भी की गई।
छापेमारी के बाद सदर डीएम नवदीप शुक्ला ने बताया कि कैदियों से पूछताछ के दौरान कैदियों ने मंडल कारा में जगह से अधिक कैदियों के रहने से परेशानियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मंडल कारा में लगभग 105 कैदियों की रहने की जगह है, लेकिन अभी मंडल कारा में लगभग 340 कैदी रह रहे है, जिसके कारण कैदियों को सोने में काफी कठिनाई हो रही है। खासकर गर्मियों के समय में कम जगह होने के कारण कभी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं उन्होंने बताया कि मंडल कारा में खाना बनाने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है जिस कारण कैदियों को खाना बनाने में भी कठिनाइयां हो रही है।
जेल से संबंधित सभी कार्यों का हुआ निरीक्षण
वहीं पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि छापेमारी के क्रम में मंडल कारा से कैदियों के पास से कोई भी आपत्तिजनक वस्तु या कोई भी अनाधिकृत सामान नहीं पाया गया। साथ ही छापामारी के बाद मंडल कारा की स्थिति संतोषजनक पाई गई। वहीं सदर एसडीएम वृंदा लाल ने बताया कि लगभग ढाई घंटे तक चली छापेमारी को लेकर बताया कि मंडल कारा के अंदर लगभग एक घंटे के अंदर में ही नौ पुरुष वार्ड एवं एक महिला वार्ड में छापेमारी की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी थी। लेकिन उसके बाद मंडल कारा में कितने कर्मी कार्यरत हैं और मंडल कारा में कितने वाहन हैं सभी का निरीक्षण किया जा रहा था। साथी ही जेल से संबंधित सभी कार्यों का निरीक्षण किया गया।
20 मिटन तक इंतजार किये अधिकारी
इस दौरान सदर एसडीएम वृंदा लाल को लगभग 20 मिनट तक मंडल कारा के द्वार पर रोका गया. जिस कारण कैदियों को अधिकारियों की आने की सूचना मिल गई और उन्हें संभलने का मौका मिल गया।
ज्ञात हो कि सूबे के सभी कारा में छापेमारी की सूचना लीक हो जाने की वजह से कैदियों को आपत्तिजनक सामान छूपाने का समय मिल गया। जबकि इस प्रकार का अभियान गुप्त रुप से अहले सुबह चलाने पर प्रशासन को पूर्व में कई बार सफलता मिल चुकी हैं। छापेमारी अभियान में सदर थानाध्यक्ष मनोज कुमार महतो सहित कमांडो विपिन कुमार एवं अन्य पुलिस बल मौजूद रहे।
पहले भी किया गया था निरीक्षण, नहीं मिला था कोई आपत्तिजन समान
गौरतलब है कि इससे पूर्व सात अक्टूबर को भी सदर एसडीएम वृंदा लाल एवं सदर एसडीपीओ वसी अहमद के द्वारा भी सघन छापेमारी की गई थी। छापेमारी का क्रम लगभग चार घंटे से अधिक तक जारी रहा. छापेमारी के बाद एसडीपीओ वसी अहमद ने बताया था कि छापेमारी के क्रम में मंडल कारा से कैदियों के पास से एक चार्जर एक सिगरेट का पैकेट गुटखा खैनी के सिवाय कुछ भी बरामद नहीं किया गया था। उन्होंने बताया कि यह सभी भी वस्तु भी मंडल कारा के अंदर प्रवेश वर्जित है।
जेल गेट खोलने में हमेशा होती है देरी
वहीं सात अक्टूबर को भी मंडल कारा में छापेमारी के दौरान जानकारी के अनुसार सदर एसडीम वृंदा लाल एसडीपीओ वशी अहमद को लगभग 30 मिनट तक मंडल कारा के द्वार पर रोका गया। जिस कारण कैदियों को अधिकारियों की आने की सूचना मिल गई और उन्हें संभलने का मौका मिल गया। हालांकि इस संबंध में एसडीएम वृंदा लाल ने बताया कि मंडल कारा पहुंचने के बाद जेल अधीक्षक उस समय जेल में उपस्थित नहीं थे। जिसके बाद उनसे संपर्क करके बुलाया गया। उन्होंने बताया कि जेल अधीक्षक के पहुंचने के बाद छापेमारी का कार्य शुरू किया गया।
इस दौरान मंडल कारा के द्वार पर पुलिस बल काफी संख्या में मुस्तैद रही. मालूम हो कि 11 अगस्त 2018 को भी मंडल कारा में जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने सघन छापेमारी की थी। छापेमारी का क्रम लगभग दो घंटे से अधिक तक जारी रहा था। इस दौरान डीएम तथा एसपी कैदियों के उपस्थिति पंजी का भी निरीक्षण किया। इस दौरान रसोइघर और शौचालय की भी तलाशी ली गयी थी। दो घंटे तक चली छापेमारी क्रम में मंडल कारा से कैदियों के पास से कोई भी आपत्तिजनक वस्तु नहीं पाई गई थी।