सुपौल/बिहार : बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सौजन्य व जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में हरदी-चौघारा में आयोजित लोरिक महोत्सव-2018 के चौथे दिन लोरिक चयन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें दर्जनों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।प्रतिभागी को संबोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि हरदी गढ़ का प्राचीन काल से गौरवशाली इतिहास रहा है। कृष्ण की कूटनीति और राम की मर्यादा, अर्जुन की वीरता और कर्ण की दानवीरता इन सभी गुणों से परिपूर्ण थे वीर लोरिक।नारी सम्मान को प्राथमिकता देते हुए वीर लोरिक ने अपने प्रिय मित्र बेंग्ठा से भी युद्ध किया था।
उन्होंने कहा कि वीरलोरिकमानव एकता के पक्षधर थे। वीरलोरिकक्रांतिदर्शी, महायोद्धा, जननायक और लोकत्राता थे।संसार में वीरलोरिकएक मात्र योद्धा थे, जो कभी पराजित नहीं हुए। वीरलोरिकसमुद्र के समान गंभीर, पर्वत के समान धैर्यवान, विष्णु के समान बलवान, चंद्रमा के समान प्रियदर्शन और पृथ्वी के समान क्षमावान योद्धा थे। अखंड भारत में वीरलोरिकने ही क्रांति और समाजवाद का बीज बोए थे। वीरलोरिकदुनिया में सामाजिक क्रांति के सबसे बड़े अग्रदूत थे। वे असामाजिक तत्व, राष्ट्रविरोधी, अन्यायी को छोड़कर दुनिया को अपना परिवार मानते थे। इनका जीवन सामाजिक और आर्थिक दर्शन है। जिसकी कर्म भूमि हरदी-चैघारा इतिहास के पन्नों के स्वर्णाक्षर में अंकित है।
चैदहवीं शताब्दी के पूर्व से ही वीरलोरिकव चंदा की कथा हिंदी साहित्य में दर्ज है। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ने भी डिस्कवरी ऑफ इंडिया मेंलोरिकी का उल्लेख किए है। 14 वीं. शताब्दी के पूर्व से हीलोरिकव चंदा की गाथाएं हिंदी साहित्य में दर्ज है। सूफी कवि मौलाना दाऊद 1379 में चंदायन नामक प्रथम प्रेमकाव्य लिखने के लिएलोरिकऔर चंदा के लोक महाग्रंथ को चुना था।लोरिकायन वीर और श्रृंगार रस से परिपूर्ण है।इनका जन्म उत्तरप्रदेश के कन्नौज जिला अंतर्गत गौरा गाँव में हुआ था। कृष्णाष्टमी की मध्यरात्रि 12 बजे वीरलोरिकका जन्म लेना जैसी अनेक घटनाएँ सिद्ध कर देती है-त्रेता के पुरुषोतम राम बनाम द्वापर के कृष्ण, द्वापर के कृष्ण बनाम कलियुग केलोरिक।
प्रतियोगिता में मनीष कुमार, अशोक कुमार, रिया कुमारी, टू-टू कुमार, अनुप्रिया कुमारी, मुन्नी कुमारी, राखी कुमारी, वागिसा, निधि कुमारी, आंचल कुमारी, मनीषा पाण्डेय, बुल-बुल कुमारी, काजल कुमारी, खुशबू कुमारी आदि ने भी भाग लिया।