दरभंगा : गंगवाड़ा वार्ड 14 की समस्याओं का कौन है ज़िम्मेदार, स्थानीय प्रशासन और वार्ड पार्षद क्या दूर कर पाएंगे इन समस्याओं को?

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ज़ाहिद अनवर (राजु)
उप संपादक

दरभंगा/बिहार : गंगवाड़ा वार्ड 14 के निवासियों का एक बड़ा और चुभता हुआ सवाल है कि क्या आखिर हमलोगों ने वार्ड पार्षद चंद्रकला देवी को इसी दिन के लिए वोट देकर चुना था कि हम अपनी समस्या उन तक पहुंचाते रहे और समस्या जस की तस बनी रही।

 गौरतलब हो कि कुछ दिन पहले भी हिन्द टीवी 24 के माध्यम से प्रमुखता से यहाँ की कई समस्याओं को उठाया गया था जिसमे एक समस्या जो बिजली विभाग से जुड़ा था, का निराकरण तो हुआ लेकिन बाकी समस्या जस की तस बनी हुई है। हिन्द टीवी 24 की टीम जब मुहल्लों में पहुंचकर वहाँ के स्थानीय लोग जैसे गजेंद्र कुमार (सोनू), बबलू पासवान, रंजू देवी, ममता देवी, शिवकला यादव, महेन्द्र यादव और मोतिउर रहमान से बात की और समस्याओं को जानना चाहा तो लोगो ने बताया कि पहली समस्या तो बिजली के जर्जर तारो की है जिसे हटाना चाहिए, स्ट्रीट लाइट लगा तो है लेकिन जल नही रहा है, 33000 की तार जिसका उपयोग नही है खतरे की घंटी बनी है जो विभागीय लापरवाही का शिकार है।

दूसरी समस्या यहां एक तालाब है जहाँ गंदगियों का भरमार लगा है। स्थानीय लोगो ने बताया कि गंदगी के कारण छठ पूजा नही मनाया जाता है जिसकी शिकायत वार्ड पार्षद को कई बार किया गया बावजूद इसके इसकी अनदेखी अब तक की जा रही है। इनलोगो की मांग थी कि तालाब का उरहिकरण कर सौन्दर्यकरण करना चाहिए और इसकी घेराबंदी भी होनी चाहिए। तीसरी समस्या के बारे में बताया कि यहां दलितों के मुहल्ले में एक ब्रह्मस्थान है जिसकी बॉण्डरी करके लाइटिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। सड़को किनारे गंदगियों का भरमार है जिसको लेकर कई बार शिकायत किया गया लेकिन सिर्फ खानापूर्ति कर छोड़ दिया जाता है।

सबसे बड़ी बात है कि यहाँ बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थाएं जैसे फारूकी ITI, मजहरूल हक़ अरबी फारसी यूनिवर्सिटी का संसाधन केंद्र है जहाँ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है, उर्दू दैनिक अखबार तासीर का कार्यालय है, मदरसा है और सबसे बड़ी बात की 2011 ईस्वी में हिंदुस्तानी फिल्में उर्दू पर एक राष्ट्रीय सेमिनार हो चुका है जिसमे बड़ी बड़ी हस्तियां शामिल हुई थी, बावजूद इसके कोई भी ध्यान इस ओर नही दिया जाता है। इंजीनियर सैयद ज़फ़र इस्लाम हाशमी और इंजीनियर फ़ज़ा इमाम ने हिन्द टीवी 24 को दिए गए साक्षात्कार में बताया कि चूंकि ये मुहल्ला दलितों, महादलितों और अल्पसंख्यको का है इसलिए भी स्थानीय प्रशासन और वार्ड पार्षद इसकी उपेक्षा कर रहे है। लेकिन एक चुभता हुआ सवाल उन तमाम जिम्मदारो से उन्होंने पूछा कि क्या हम लोग इन तमाम समस्याओं के साथ ज़िन्दगी गुज़ारने के आदि हो जाये या जल्द ही इसका हल हो जाएगा? हा इतना तो ज़रूर है कि जबतक इन समस्याओं का निराकरण नही हो जाता है यहाँ की खबरों को प्रमुखता से आगे भी उठाया जाएगा।


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