मधेपुरा/बिहार : भारत के प्रथम छात्र संगठन एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई द्वारा मधेपुरा की उपज और खगड़िया से संविधान सभा सदस्य रहे कमलेश्वरी प्रसाद यादव की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उन्हें याद करते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व से छात्र छात्राओं को अवगत कराया गया वहीं वृक्षारोपण भी किया गया।
उनकी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन के बीएनएमयू व पीयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राजनीतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, कला संस्कृति में उर्वरा रही मधेपुरा की धरती समय समय पर इतिहास में अपनी अलग पहचान स्थापित करती रही है, विभिन्न क्षेत्रों में यहां की प्रतिभाओं ने नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। आजादी के बाद राष्ट्र के संचालन के लिए अत्यन्त दुरूह कार्य संविधान निर्माण में भी बतौर सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव की भूमिका इसका प्रमाण है। उस समय पटना व बनारस विश्वविद्यालय से डबल एमए रहे कमलेश्वरी बाबू ने संविधान सभा की बैठकों में विभिन्न बिंदुओं पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव व मार्गदर्शन दिया जो संविधान निर्माण का हिस्सा ही नहीं बना बल्कि आज के समय में विभिन्न रूपों में राष्ट्र की अमूल्य धरोहर के रूप में संग्रहीत है।
उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति जब पटना लाई गई बीमार चल रहे अस्थाई अध्यक्ष रहे सच्चिदानंद सिन्हा के हस्ताक्षर के लिए तो उस समय भी कमलेश्वरी प्रसाद यादव की वहां उपस्थिति रही।संविधान सभा में सदस्य की भूमिका निभाने के अतिरिक्त दो बार विधायक बन उन्होंने समाज सेवा में भी योगदान दिया वहीं ताउम्र वो शिक्षा के प्रचार प्रसार को तत्पर रहे। उनके द्वारा मुरलीगंज का के पी कॉलेज की स्थापना इसका प्रमाण है। छात्र नेता राठौर ने कहा कि संगठन द्वारा ऐसे अनमोल रत्नों को याद करने का मूल उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को अपने अतीत के गौरव से जोड़ना व भविष्य के लिए प्रेरित करना है। खासकर स्थानीय हस्तियों को विशेष रूप से।
इस अवसर पर पारो, पूजा, पिंकी, नयना, सुमन, प्रियंका, काजल, सिम्पल, श्रुति आदि उपस्थित ने संविधान सभा सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव को याद करते हुए कहा कि उनकी जयंती के साथ साथ उन्हें विशेष कर 26 जनवरी व संविधान दिवस के दिन भी याद करने की जरूरत।