मधेपुरा : कर्पूरी ठाकुर बिहार के जन-जन के नेता थे- डॉ अशोक

District welfare officer Manoj Kumar said Karpoori Thakur's life was full of simplicity. His life and thoughts still teach the public as well as politicians.

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फ़ोटो : कर्पूरी जी के शैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया डॉ अशोक कुमार
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मधेपुरा/बिहार : कौशल्या ग्राम स्थित मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा परिसर में निर्मित जननायक कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़ा वर्ग छात्रावास में आज छात्रों द्वारा कर्पूरी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। 

समारोह की अध्यक्षता डॉक्टर वैजवंश कुमार निवर्तमान अध्यक्ष के द्वारा की गई।  समारोह में महाविद्यालय के संस्थापक प्राचार्य डॉ अशोक कुमार, मधेपुरा इंटर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर पूनम यादव, जिला कल्याण पदाधिकारी श्री मनोज कुमार, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कीडा पदाधिकारी डॉक्टर शंकर मिश्रा, महाविद्यालय के उपाचार्य डॉक्टर भगवान कुमार मिश्रा, मधेपुरा प्रखंड एवं मुरलीगंज प्रखंड के कल्याण पदाधिकारी, दर्शनशास्त्र विभाग के प्राध्यापक प्रोफेसर मनोज भटनागर समन्वय राष्ट्रीय सेमिनार, वर्तमान अधीक्षक अभय कुमार मौजूद थे। समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया एवं कर्पूरी जी के शैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए संस्थापक प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार ने कहा कर्पूरी ठाकुर बिहार के जन-जन के नेता थे। इसीलिए उन्हें जननायक की उपाधि से विभूषित किया गया। शिक्षा के प्रति उनका गहरा लगाव था। उनका मानना था, शिक्षा एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके माध्यम से समाज के साथ-साथ देश का विकास संभव है। डॉक्टर पूनम यादव ने कहा कर्पूरी जी का जयंती  मना कर हम लोग अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं, क्योंकि समाज में आज भी उनकी विचार प्रासंगिक है। जिला कल्याण पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कर्पूरी ठाकुर का जीवन सादगी से भरा पड़ा था। उनके जीवन और विचारों से आज भी जनमानस के साथ-साथ राजनीतिज्ञों को शिक्षा मिलती है। उपाचार्य डॉ भगवान कुमार मिश्रा ने कहा कर्पूरी ठाकुर ग्रामीण मिजाज के लोग थे। ग्रामीण समस्याओं को नजदीकी से देखने का काम किया था। इसलिए उनकी समस्याओं को समाप्त करने के लिए हुए मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए भी 18 घंटे काम करते थे। बिहार के आम-आवाम उन्हें सर्वजन नेता भी कहते थे। प्रोफेसर  मनोज भटनागर जी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर का व्यक्तित्व इतना विशाल था की पद उनके सामने छोटा था। कभी उन्हें अपने पद का गुमान नहीं था। मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए भी वे लाव लश्कर से दूर रहते थे। कई बार उनके द्वारा किए गये कार्य लोगों को आश्चर्यचकित करता था। आज भी खासकर राजनीतिज्ञों को उनके विचारों से काफी सीख मिलती है।

 अंत में धन्यवाद ज्ञापन नव प्रतिनियुक्त दर्शनशास्त्र विभाग के सहायक प्राचार्य अक्षय कुमार के द्वारा किया गया।

मो० नियाज अहमद
ब्यूरो, मधेपुरा

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