मधेपुरा/बिहार : भारत सरकार के द्वारा रेल के निजीकरण करने, रोजगार के अवसर समाप्त करने एवं भीषण महंगाई बढ़ाने के खिलाफ गुरुवार को दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर भाकपा कार्यकर्ताओं ने आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। इस अवसर पर भाकपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि देश के 109 रूट में 151 प्राइवेट ट्रेन चलाने की स्वीकृति देकर नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे के निजीकरण की तरफ आगे बढ़ गई है । 16 जोन में रेलवे 11040 पद खत्म कर रही है, विदेशी कंपनी अब प्राइवेट ट्रेन चलायेंगे, जिसमें 30 हजार करोड़ का निवेश किया जायेगा । भाकपा नेता ने कहा कि यह सरकार की जनविरोधी कदम है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है । रेलवे राष्ट्रीय संपत्ति है, इसे बेचने का अधिकार किसी को नहीं है । उन्होंने कहा कि रेल का निजीकरण नहीं रुका तो भाकपा उग्र संघर्ष करने को बाध्य होगी । जिसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार होगी ।
मौके पर बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रमन कुमार ने कहा रेलवे ने आधी नियुक्तियां समाप्त कर दी है । अब तो ट्रेन में नींद लेकर सफर करने पर भी 10 प्रतिशत अधिक किराया लगेगा । यह सरकार पूरी तरह जनविरोधी है । एटक के जिला संयोजक वीरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि भारत सरकार रेल सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग बेचने पर आमदा है । अब राष्ट्रीय राजमार्ग, बीएसएनल, हवाई अड्डा की बोली लगेगी, यह सरकार जबरन मजदूरों की छटनी, वेतन कटौती एवं उनके श्रम अधिकारों पर हमला कर रही है । नौजवान संघ के प्रांतीय नेता शंभू क्रांति एवं जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार मुन्ना ने कहा कि सरकार सुनियोजित रूप से रोजगार के अवसर को समाप्त कर रही है एवं निजी करण को बढ़ावा दे रही है । हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. भाकपा के वरीय नेता अनिल भारती, चांद एवं जहांगीर ने कहा कि सरकार की निजी करण की नीति से देश बर्बाद हो रहा है । एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हें, छात्र नेता सौरभ कुमार, मन्नू यादव एवं शुभम कुमार स्टालिन ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सार्वजनिक संपत्ति को बेचने के बाद विश्वविद्यालय को भी बेचने पर आतुर है ।
इस अवसर पर किसान नेता दशरथ यादव, सिराज, युवा नेता परवेज आलम, रिजवान एवं मजदूर नेता मदानंद राम ने कहा कि केंद्र की सरकार पूरी तरह है जनविरोधी सरकार है । यह सरकार निजीकरण के साथ देश में भीषण बेरोजगारी एवं महंगाई बढ़ा रही है । इसके खिलाफ व्यापक एवं जुझारू संघर्ष की जरूरत है ।