कुमारखंड/मधेपुरा/बिहार : वैश्विक महामारी, कोरोना वाइरस से पूरे मुल्क में जहां लॉक डाउन हैं, वही गरीब मजदूर लोगों पर भुखमरी का संकट मंडराने लगा है। बिहार सरकार लगातार दावा कर रही है कि लॉक डाउन में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं रहेगा, खाद्यान्न की कमी नहीं है। जिसके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है वैसे व्यक्ति या वैसे परिवार को भी सरकार द्वारा राशन उपलब्ध किया जा रहा है। लेकिन सरजमी की सच्चाई कुछ और बयां कर रही है।
प्रखंड के मगरवारा पंचायत स्थित वार्ड नंबर 4 में तीन ऐसे परिवार हैं, जिसके पास वोट का अधिकार होने के बावजूद भी राशन कार्ड नहीं है और ना ही उसके पास बसने के लिए जमीन उपलब्ध है, सड़क किनारे बसे यह तीन परिवार, ममता देवी देवी, पति जोगी दास, रेशमी कुमारी पति मोहित शर्मा, प्रियंका देवी, पति भोगी दास, अपनी आपबीती सुनते हुए कहा कि पति मजदूरी करने बाहर गए हैं। ताकि पूरे परिवार का भरण पोषण हो सके, सरकार द्वारा लॉक डाउन के बाद दिल्ली में फंसे है। कमाने वाला कोई नहीं है राशन कार्ड भी नहीं है । सरकार द्वारा खाद्यान्न नहीं मिलता है ना ही कोई अभी तक पूछने आया है। कई बार डीलर और मुखिया के पास फ़रियाद लेकर गए कि खाने के लिए घर में कुछ नहीं है , लेकिन सभी ने बहाना बनाकर घर वापस भेज दिया। घर में खाने को अनाज नहीं है।
वहीं सरकार द्वारा यह दावा किया गया है कि जिसके पास राशन कार्ड नहीं है वैसे लोगों के लिए जीविका दीदी द्वारा सर्वेक्षण किया जा रहा है। लेकिन भुखमरी की पायदान पर खड़े इन परिवारों के पास अभी तक जीविका दीदी भी सर्वेक्षण करने नहीं आई है। आस पड़ोस के लोगों से मांगकर एक वक्त किसी तरह नमक रोटी खा लेते हैं।