मधेपुरा : विभागीय लापरवाही के कारण जिले में विद्युत आपूर्ति बना मौत का कारोबार

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिले में टूट हुए पोल व विद्युत के जर्जर तार, पुरवा-पछीया हवा के हल्के थपेड़ों को भी झेल पाने में असमर्थ है। एक और बिजली विभाग के द्वारा सभी जगह नए पोल करवाए जा रहे हैं और सभी तार को भी बदल कर नए तार बिछाई जा रहे हैं, लेकिन बिजली विभाग के कर्मियों की लापरवाही और कमजोर वायरिंग की वजह से कई हादसे भी जन्म लेते जा रहे हैं।

इसकी एक छोटी सी बानगी मंगलवार को जिला मुख्यालय के पूर्वी बाईपास रोड जयपाल पट्टी चौक पर देखी गयी। जब हवा बहने के साथ ही पोल पर लगे विद्युत बक्से में आग लग गयी थी। दरअसल थोड़ी हवा में बिजली तार के आपस में टकराने से चिंगारी निकल रही थी। धीरे-धीरे चिंगारी ने आग का रूप धारण कर लिया, जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने विद्युत विभाग को दिया, लेकिन विद्युत विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। स्थिति ऐसी थी कि वहां एक बड़ा हादसा तक हो सकता था, क्योंकि उस पोल के सटे एक ट्रांसफार्मर भी है। यह पोल और ट्रांसफार्मर पश्चिमी बायपास के जयपाल पट्टी चौक पर मुख्य सड़क के किनारे है और वही आस पास कई छोटे-मोटे चाय – पान की दुकान एवं कई डॉक्टरों के क्लिनिक हैं। जिसके कारण वहां लोगों की काफी भीड़ बनी रहती है। अगर यह आग बढ़ जाता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। आग को बढ़ता देख स्थानीय लोगों ने सोने पे सुहागा वाला काम किया। उन्होंने बिजली कर्मियों के ना पहुंचते देख और बिना बिजली को कटवाए हुए खुद से नीचे से पानी फेंक कर आग बुझाने की कोशिश करने लगे। हालांकि आग तो बुझ गई लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया।

वहीं पिछले वर्ष ही जिला मुख्यालय के रजिस्ट्री कार्यालय के पास इन्ही पुराने कमजोर तार के चलते बड़ा हादसा जन्म ले रहा था। हालांकि वहां स्थानीय लोगों एवं दमकल कर्मियों की सक्रियता से एक बड़ा हादसा टल गया था। शहर का बाय पास, मुख्य पथ, पश्चिमी बायपास, बैंक रोड, साहुगढ रोड, भिरखी रोड आदि अन्य जगहों पर पुराना तार लटक रहा है, जिससे हर दम खतरे का अंदेशा बना रहता है।

मालूम हो कि जिले में कई जगहों पर तारों को वर्षों से न तो बदला गया है और न ही टाईट किया गया है। प्राइवेट मिस्त्री की माने तो जिले भर में तार इतने पुराने हो गये हैं कि अगर इन्हें टाईट किया जाय तो तुरंत टूट जायेगा। कॉलेज चौक और समाहरणालय के पास तो स्थिति और भी भयावह है। जिले वासियों की माने तो विद्युत विभागीय की लापरवाही के कारण कहीं भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वही जर्जर वायर के कारण अक्सर विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती है। कमजोर तार के चलते प्रतिदिन छोटी-मोटी घटना घर रही है।

 छात्र रूपेश कुमार, गौतम कुमार, मनीष कुमार, सौरभ कुमार आदि ने कहा कि जब विभाग समय पर उपभोक्ताओं से बिजली बिल का भुगतान करवाती है तो यह विभाग की जिम्मेवारी है कि वह उपभोक्ताओं को सुरक्षित और नियमित रूप से विद्युत आपूर्ति करें। विद्युत आपूर्ति बाधित होने के बाद सबसे अधिक परेशानी छात्रों को होती है।

कॉलेज चौक पर स्थिति गंभीर
शहर के कॉलेज चौक पर विद्युत आपूर्ति की स्थिति काफी गंभीर है। यहां विभिन्न बिजली के खंभों पर वायर का मकर जाल बना हुआ है। कई खंभे भी जर्जर होकर जान लेवा बन चुका है। हालांकि यहां हाल के दिनों में वायर को टाइट किया गया है, लेकिन कनेक्शन वायरों के मकर जाल के कारण अक्सर खंभों पर सॉटसर्किट की समस्या बनी रहती है। जिस कारण उपभोक्ता परेशान है। साथ ही सॉट सर्किट के कारण टूट कर गिरने वाले वायर के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

पहले भी हो चुका है हादसा

विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण शहर में कई घटना हो चुकी है। लेकिन अब तक विभाग के कार्यशैली में खास बदलाव नहीं आ सका है। कुछ महीनों पूर्व हौंडा मोटरसाइकिल के शोरूम में विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण ही आग लग गयी थी। शोरूम संचालक के तत्परता से आग पर काबू पाया गया था। शहर के पूर्वी बायपास रोड में दर्जनों वाहन के शोरूम खुले हुए है। लेकिन इस पथ पर भी कई जगह वायर पोल से लटके नजर आते है। लेकिन इस घटना में करीब दो लाख की संपत्ति जल कर राख हो गयी थी। अभी भी पश्चिमी बायपास रोड के कई खंभों पर बांस के फटठों के सहारे 440 वोल्ट के वायर को बांध कर विद्युत आपूर्ति की जा रही है।

हादसों को न्योता

जिले में टूट हुए पोल व विद्युत के जर्जर तार हादसों को न्योता दे रहे हैं। टेढे हो चुके पोल पर लुंज-पुंज व पुराने तार से 11 हजार व 440 वोल्ट का करंट दौड़ता है।


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