मधेपुरा : बीएनएमयू के छ: पीजी विभागों में नहीं हो पाया है शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का पद सृजन

Spread the news

अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बीएन मंडल विश्वविद्यालय में छह पीजी विभाग ऐसे हैं, जहां अभी तक राज्य सरकार से शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों का पद सृजन नहीं हो पाया है, इस वजह से विभागों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती है। इन विभागों को कॉलेज से प्रतिनियोजित शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सहारे ही चलाया जा रहा है। एक तो कॉलेज में वैसे ही शिक्षकों का घोर अभाव है दूसरी ओर कॉलेजों से शिक्षकों का प्रतिनियोजन हो जाने के कारण पठन-पाठन बाधित हो रहा है।

वर्षो से भेजा जा रहा प्रस्ताव फिर भी नहीं हो सका पद सृजन

बीएनएमयू प्रशासन की मानें तो पद सृजन को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से राज्य सरकार को कई बार प्रस्ताव भेजा गया। परंतु सरकार की उदासीनता की वजह से छ: पीजी विभागों में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के पदों का सृजिन नहीं हो सका। इस वजह से विश्वविद्यालय के इन विभागों में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की सीधे तौर पर नियुक्ति नहीं हो पाती है।

इन विभागों का नहीं हुआ है अभी तक पद सृजन

बीएनएमयू के जिन छह विभागों में पद सृजन नहीं हो सका है, उनमें दर्शन शास्त्र, हिंदी, अर्थशास्त्र, इतिहास, उर्दू, समाजशास्त्र व अंग्रेजी विभाग शामिल हैं। इन विभागों में न तो शिक्षक और न ही शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का पद सृजित किया गया है। वहीं दूसरी ओर नौ पीजी विभागों का पद सृजन पूर्व में हो चुका है। इसमें भौतिकी, रसायन, जंतुविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, राजनीति शास्त्र, गृहविज्ञान, मनोविज्ञान, भूगोल व कॉमर्स विभाग शामिल है। उप कुलसचिव शैक्षणिक डा एमआई रहमान ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से इन विभागों के लिए पद सृजन हेतु राज्य सरकार को जुलाई 2018 में भी लिखा गया है। उल्लेखनीय हो कि प्रत्येक पीजी विभागों में एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, चार सहायक प्रोफेसर के अलावे चार शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का पद सृजन होना अनिवार्य है।

वर्जन

विवि की ओर से छ: विभागों में पद सृजन को लेकर जुलाई 2018 में राज्य को प्रस्ताव भेजा गया। इसके अलावा बीएनएमयू में 13 अाैर पीजी विभाग खोलने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार के पास प्रक्रियाधीन है। जिस में स्नातकोत्तर फारसी, बांग्ला, उर्दू, मैथिली, गणित, सांख्यिकी, भूगर्भ शास्त्र, संगीत, ग्रामीण अर्थशास्त्र, प्राचीन इतिहास, प्रसोनेंट एंड मैनेजमेंट एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन (टीएमआईआर) विभाग हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसे विषय हैं जिनकी डिमांड सरकार से हम लोगों ने नए सिरे से किया है। जिससे हमारे विश्वविद्यालय की तरक्की हो और बच्चे उसमें आगे बढ़ सके।


Spread the news