छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर प्रखंड क्षेत्र के माधोपुर पंचायत के महद्दीपुर बाजर स्थित जमा मस्जिद चौक पर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के 1449 वें जन्मोत्सव के अवसर पर एक दिवसीय अमन व शांति के पैगाम जलसा-ए-सीरतुन्नबी का आयोजन किया गया । जलसे में शामिल लोगों ने देश में अमन शांति के लिए दुआएं मांगी।
जलसा में हजरत मुहम्मद साहब के व्यक्तित्व, कृतित्व और उनके संदेशों पर प्रकाश डाला । जलसा की शुरुआत तिलावत ए कुरआन से की गई । जलसा कार्यक्रम की अध्यक्षता हाफिज इस्लामुद्दीन साहब, संचालन मौलाना मुफ़्ती समीम अकरम रहमानी ने किया ।
जलसा को संबोधित करते हुए पटना से आए मौलाना अबदुल माजिद कासमी चतुर्वेदी ने वेद, गीता, रामायण, कुरआन का मंत्र पढ़कर उर्दू में तर्जुआ कर समझाया । उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह वसल्लम के द्वारा बताया गया मार्ग बिल्कुल सीधा और सच्चा है । उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म मे शिक्षा की बहुत कमी है, इसलिए उन्होंने से मुसलमानों से अपने अपने बच्चें को सबसे पहले शिक्षा देने बात कही। उंन्होने मौजूद लोगों से समाज में औरत को सम्मान दे देने की बात कही , उन्होंने ने कहा अपने ही घर की औरत को माँ, बहन, बेटी नही समझे बल्कि समाज के सबही धर्म की औरत को अपनी माँ, बहन, बेटी समझ कर उन्हें सम्मान दे ।
मौलाना कासिम मुजफ्फरपुरी ने कहा उन्होंने कहा की आज पूरी दुनिया में हजरत मोहम्मद(स) का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसने दुनिया में शांति सद्भाव का पैगाम दिया। उन्होंने विश्व बन्धुता के सूत्र में अपने पैगाम से दुनिया में अमन चैन एकता का सन्देश दिया । उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद (स०) सिर्फ मुसलमानों के ही रहनुमा नहीं थे । वे तो पूरी दुनिया के लिए दयालु और रहनुमा थे । लिहाजा उन्हें पवित्र कुरान में रहमतुल्लिल मुसलेमीन न कहकर रहमतुल्लिल आलेमीन कहा गया है ।
मौनाला मुफ्ती सोहराब नदवी नायब नाजिम इमारते शरिया फुलवारी शरीफ पटना ने कहा कि हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी मानवता का सम्मान करते थे । मोहम्मद साहब न होते तो कुछ भी न होता । मौलाना अनजार आलम कासमी नायब काजी ए शरियत मरकजी दारूल कजा इमारते शरिया फुलवारी शरीफ पटना ने कहा कि इस्लाम शांति का धर्म है । आतंकवाद का इस्लाम में कोई जगह नहीं है । जो लोग इस्लाम के नाम पर आतंक फैलाते हैं , वे सच्चे मुसलमान नहीं हो सकते। मौलाना अबु कासिम रहमानी काजी ए शरियत दारूल कजा सुपौल कि जो नबी का नहीं है, वो हमारा भी नहीं है ।
कारी साजिद हुसैन रहमानी ने लफ़्ज़ों में नातियाँ कलाम सुनाकर लोगो का मन मोह लिया । जलसा में कई ओलेमा ने अपने संबोधन मेें हजरत मुहम्मद साहब के संदेश पर प्रकाश डाला ।
जलसा को सफल बनाने में जलसा कमिटी अध्यक्ष खादीमें मजलिस खलीलुल्लाह अंसारी, जमा मस्जिद के इमाम मौलाना करामुद्दीन, हाफिज इस्लामुद्दीन, मौलाना अब्दुल रऊफ, हाफिज मुस्तुफा, हाफिज इस्माइल, वकील मंसुरी, महफुज आलम, मुस्तफा मंसुरी, दानिश खान, आकिल ओवैसी, आदिल ओबेसी, उजाला अंसारी, फखरूददीन मंसुरी, अली शेर, छोटे अंसारी, जनीफ खान, नईम खान, मोबीन अंजूम, नन्नूह अंसारी, मुन्ना मंसूरी, इमरान खान, मो जियाउल, ड़ॉ नूर आलम, फतह अंसारी, मोहीबुर्रहमान डीलर, मो नसीम, मो जईम, गुलाम मुस्तफा आदि लोगों का मुख्य भूमिका रहा ।
मौके पर स्थानीय मुखिया सरयुग प्रसाद मंडल, भीमशंकर चौधरी, महानंद यादव, मदन श्रीवास्तव, ललन भुसकुलिया, भागेश्वर भुसकुलिया, जगदीश दास, डहरिया मुखिया सह जाप प्रखंड अध्यक्ष पंकज यादव, महमदगंज मुखिया प्रतिनिधि संजीव पासवान, गुनजन भगत, अम्बेडकर सिंह, मकसूद मसन, मिनहाज सरवर, रामपुर पूर्व मुखिया सह मुखिया प्रतिनिधि मो हासिम आदि मौजूद थे । जबकि प्रसासन की ओर से जलसा कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से मौके पर सीओ सुमीत कुमार सिंह, थाना अध्यक्ष अनमोल कुमार सहित दर्जनों पुलिस बल तैनात थे ।