मधेपुरा पुलिस -प्रशासन की प्रतिष्ठा दाव पर, कहीं शराबियों द्वारा पुलिसकर्मियों को पीटा जा रहा है तो कहीं पुलिस टीम पर हमले कर वारंटी हो जाते हैं फरार

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टीआरटी डेस्क

मधेपुरा /बिहार: जिला में इन दिनों पुलिस -प्रशासन की प्रतिष्ठा दाव पर है। कहीं ओपी में घुसकर शराबियों द्वारा पुलिसकर्मियों को पीटा जा रहा है तो कहीं पुलिस टीम पर हमले कर वारंटी फरार हो जा रहे है । लिहाजा आमलोगों के बीच पुलिस के इकबाल पर प्रश्नचिह्न लगा है ।


सीटीवी फुटेज

मिली जानकारी के मुताबिक सदर थाना क्षेत्र से एक सीसीटीवी फुटेज से जिस मामले का उद्भेदन हुआ है उससे पुलिस की छवि को गहरा आघात लगा है । सनद रहे कि जिला मुख्यालय स्थित शास्त्रीनगर वार्ड संख्या 19 के मनीष कुमार नामक व्यक्ति पर उनके ही घर में मजदूरी करने बाले मनोज राम ने मार – पीट व जातिसूचक गाली देने का मुकदमा किया था। इसी मामले में कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद पुलिस बीती रात्रि वारंटी मनीष कुमार को गिरफ्तार करने दल बल के साथ गई थी। वारंटी को पुलिस आसानी से पकड़ भी ली और जाने लगी। इसी दौरान वारंटी की पत्नी,पुत्री और पुत्र ने मिलकर वारंटी को जबरन छुड़ाने लगे । जब पुलिस ने वारंटी मनीष को छोड़ने से इंकार कर दिया तो सभी ने पुलिस टीम में शामिल एएसआई, हवलदार और सिपाहयों के साथ मार-पीट, धक्का-मुक्की, गाली- ग्लोज करना शुरू कर दिया । इसी दौरान वारंटी भी पुलिस के चंगुल से भाग निकला। हालांकि घटना के बाद वारंटी सहित परिवार के सभी सदस्य घर से फरार हो गये हैं।पुलिस अलग से वारंटी एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर मार- पीट का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि ऐसा नहीं है कि मधेपुरा जिला में पुलिस के साथ यह पहली घटना घटी है । इसी सप्ताह चौसा थाना अंतर्गत फुलौत ओपी में घुसकर एक शराबी द्वारा पुलिस पदाधिकारी को पीटने, रूपये छीनने और कुर्सी टेबुल तोड़ने का मामला प्रकाश में आया था । इस मामले की शर्मनाक बातें यह है कि आरोपी शराबी को ओपी अध्यक्ष ने यूं ही छोड़ दिया था । लिहाजा पुलिस की इस शर्मनाक कार्यशैली से क्षुब्ध होकर उदाकिशुनगंज के एसडीपीओ चन्द्रेश्वरी प्रसाद यादव ने यहां तक कह दिया था – “कोसी नदी में डूब मरे ओपी अध्यक्ष ।”
बहरहाल समय रहते पुलिस -प्रशासन को सचेत होने की आवश्यकता है । वरना समाज के शोहदों का मनोबल बढ़ सकता है ।


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