डॉ. जमाल ए खान कैंसर इम्युनोथेरेपी स्पेशलिस्ट मेरे और मेरी बेटी साइमा के लिए फरिश्ता हैं

Spread the news

पटना/बिहार : आज पटना में पत्रकारों से बात करते हुए विश्व प्रसिद्ध डॉ. जमाल ए खान कैंसर इमयुनोथैरेपी स्पेशलिस्ट ने कहा कि मुझे इस बात की बेहद खुशी और सुकून है की मेरे और मेरी टीम द्वारा आज विश्व भर में लाखो कैंसर के मरीज़ों का सफल इलाज हो रहा है और ऐसा ही एक मामला आया मेरे पास बुलंदशहर की एक बच्ची साइमा का।

उसके पिता सारी उम्मीद छोड चुके थे और कई जगह इलाज भी करवा चुके थे। तब वो मुझसे मिले और मेने इलाज शुरू किया। मरीज़ साइमा पुत्री इफ्तिखार अहमद ने बताया कि मैं डॉ. जमाल ए खान के पास आई तब में जीवन की सारी उमीदे छोड चुकी थी और ऊपर वाले से दुआ कर रही थी कि मुझे जल्दी ठीक करें। डॉ. जमाल ए खान साहब ने मेरा इलाज शूरू किया। पहले ही हफ्ते में मुझे और मेरे परिवार को फ़र्क़ नज़र आने लगा। मैं अगस्त में इलाज करने के लिए डॉ. जमाल ए खान के पास आई  थी, और आज में बिलकुल ठीक हूँ और आम जीवन जी रही हूँ और अब तो मुझे लगता भी नहीं कि मुझे कभी कैंसर हुआ था।

साइमा के पिता इफ्तिखार अहमद ने बताया कि साइमा को 2018 में आँखों से दिखता नहीं था और एक इंसान के 2 इंसान नज़र आते थे और सिर में दर्द रहता था। दर्द और तकलीफ़ से रात भर बेचैन रहती थी। मैं और मेरा परिवार ये सोच चुके थे कि हमारी बेटी इस दुनिया से विदा होने वाली है और अंतिम साँसें ले रही है। हमने काफी पैसे खर्च कर दिए अपनी बेटी  में पर हमें सब जगह से निराशा ही मिली पर फिर एक दिन हमें डॉ. जमाल ए खान के रूप में एक फरिश्ता मिल गया जिन्होने मेरी बेटी का इलाज शुरू किया और आज 8-9 महिने ही हुए और मेरी बेटी बिलकुल ठीक हो गई। मेरे और मेरे परिवार के लिए इससे बड़ी खुशी की बात नहीं की हमारी बेटी ठीक हो गई और अब स्वस्थ जीवन जी रही है, पढाई कर रही है , बीएड का पेपर दिए हैं और इसका सपना शिक्षक बनकर बच्चों को पढाना है।

उन्होंने बताया कि इनके यहां आते ही हमारा इलाज शुरू हो गया और हफ्ते भर के अंदर ही रिजल्ट मिलना शुरू हो गया, नहीं तो कैंसर की बीमारी में 4 -5 लाख खर्च तो हमारा केवल टेस्टो में लग जाते हैं। उसके बाद डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं पर डॉ जमाल ए खान के पास आते ही हमारा इलाज शुरू हो गया। आज ये घर का सारा काम कर लेती है क्योंकि इसकी मां भी दुनिया में नहीं है और मैं अपने और इसके लिए बाहर से ही खाना लाता था।

मैं टीचर हूँ नौकरी चला जाता हूँ। अब ये खुद खाना बनाती है सब के लिए। मुझे बड़ी खुशी होती है लगता है कि मैं सपना देख रहा हूँ कि मेरी बेटी ठीक हो गई और इसके लिए मैं बार बार दिल से डॉ. जमाल ए खान का और उनकी टीम का धन्यवाद करता हूँ।


Spread the news