मधेपुरा/बिहार : सदर प्रखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में जिले के सदर प्रखंड के मुरहो पंचायत के मुखिया प्रत्याशी एवं पंचायत समिति सदस्य मदनपुर पंचायत क्षेत्र सांख्य 10 से हारे हुए प्रत्याशी एवं उनके समर्थकों, मतदाताओं एवं स्थानीय ग्रामीणों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर लगभग एक बजे बस स्टैंड चौक पर मुख्य मार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया. मौके पर मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्य के प्रत्याशियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लगभग एक बजे शुरू हुआ जाम लगभग पांच बजे सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार एवं सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय नारायण यादव के द्वारा आश्वासन मिलने के बाद समाप्त हुआ.
जाम के कारण लोगों को करना पड़ा कठिनाइयों का सामना : चार घंटे तक चले जाम के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. बस स्टैंड चौक से जिला मुख्यालय होकर पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, सुपौल, अररिया, सहरसा समेत अन्य जिलों एवं राजधानी के लिए वाहन गुजरती है. जिसके कारण बड़ी-बड़ी बाहों वाहनों का लंबी कतार लग गई. मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्य प्रत्याशी के समर्थकों द्वारा सड़क जाम होने के लगभग डेढ़ घंटे के बाद सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह दलबल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे. जिसके कुछ समय बाद सदर अंचलाधिकारी योगेंद्र दास भी जाम स्थल पर पहुंचकर, प्रदर्शनकारियों से जाम समाप्त करने को लेकर वार्ता किया, लेकिन प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं थे और लगातार जाम स्थल पर जिला पदाधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे.
मुखिया प्रत्याशी ने मुरहो के सभी बूथों पर चुनाव कराने की, कि मांग : जाम स्थल पर उपस्थित सदर प्रखंड के मुरहो पंचायत के मुखिया प्रत्याशी सपना कुमारी के पति लक्ष्मण भारती ने बताया कि मतगणना के दिन बूथ नंबर 212 में जब ईवीएम डाटा लॉस नजर आई तो वहां पर उपस्थित अधिकारियों को पूर्व पंचायत के आगे किसी भी भूत का मतगणना रोकने के लिए बार बार निवेदन किया गया, लेकिन मतगणना नहीं रोका गया. उन्होंने कहा कि मतगणना होने के बाद भी अधिकारियों से निवेदन किया गया कि मतों का निर्णय अभी रोक लिया जाये तथा बूथ नंबर 212 पर चुनाव होने के बाद ही इसे सुनाया जाय, लेकिन इस निवेदन को भी अधिकारियों ने नहीं मानी और बूथ नंबर 212 को छोड़कर सभी बूथों के मतों की गिनती कर, सभी प्रत्याशियों एवं समर्थकों के समक्ष रख दी गई. साथ ही सिर्फ एक बूथ के चुनाव की तिथि भी निर्धारित कर दी गई है. मुखिया प्रत्याशी के समर्थक सौरभ कुमार ने मांग किया कि या तो मुरहो पंचायत के सभी बूथ का पुनर्मतदान करवाया जाय, या फिर बूथ नंबर 212 के ईवीएम को रिकवरी कर उसी ईवीएम का पुनर्मतगणना किया जाय.
सीओ के आश्वासन पर पंचायत समिति सदस्य के हारे प्रत्याशी ने खत्म किया जाम : पंचायत समिति सदस्य मदनपुर पंचायत क्षेत्र सांख्य 10 से हारे हुए प्रत्याशी रंजू देवी के पति फुलेंद्र यादव ने बताया कि मतगणना के बाद अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि उनकी पत्नी रंजू देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आशा देवी को हराकर विजय हासिल कर लिया है. साथ ही उन्हें प्रमाण पत्र लेने के लिए भेज दिया गया. जब वह प्रमाण पत्र लेने पहुंचे तो उन्हें बताया गया की उनकी पत्नी रंजू देवी हार चुकी हैं और उनके प्रतिद्वंदी आशा देवी विजयी हुई हैं. लगभग 3:30 बजे सदर अंचलाधिकारी योगेंद्र दास एवं सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह के लगातार वार्ता के बाद पंचायत समिति सदस्य मदनपुर पंचायत क्षेत्र सांख्य 10 से हारे हुए प्रत्याशी रंजू देवी के समर्थक ने जाम समाप्त कर वापस घर चले गए, लेकिन मुरहो के मुखिया प्रत्याशी सपना कुमारी के समर्थक जामा स्थल पर डटे रहे.
ईवीएम डाटा लॉस के कारण अटक गया मुरहो के बूथ नंबर 212 का मामला : लगभग चार घंटे तक चले जाने के बाद सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार एवं सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय नारायण यादव ने जाम स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से वार्ता किया और जाम समाप्त करवाया. सदर एसडीम नीरज कुमार ने बताया कि चुनाव के सारे कार्य नियम परी नियम के तहत किए गए हैं. चुनाव के सभी कार्य चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत किए गए हैं. सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव ने बताया कि बूथ नंबर 212 पर संबंधित मतदाता निर्भीक होकर मतदान करें. किसी भी मतदाता को डरने की जरूरत नहीं है. पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ उनके साथ खड़ा है. मालूम हो कि सदर प्रखंड के मुरहो पंचायत का रिजल्ट के एक बूथ के ईवीएम डाटा लॉस के कारण अटक गया है. बूथ संख्या 212 पर 315 वोट पड़ा था, लेकिन ईवीएम डाटा लॉस के कारण गिनती नहीं हो सकी. फिलवक्त चंद्रिका देवी 1765 वोट लेकर निकटतम प्रत्याशी 1607 वोट प्राप्त करने वाली सपना कुमारी से आगे है. चार अक्टूबर यानी सोमवार को पुनर्मतदान कराया जायेगा. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा पूर्व में पुनर्मतदान के लिए तीन अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई थी, जिसे बदलकर चार अक्टूबर कर दिया गया है.