भारत बंद का मधेपुरा में रहा व्यापक असर, दुकानें रही बंद, यातायात पूरी तरह ठप

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मधेपुरा/बिहार : तीन कृषि कानून, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी एवं निजीकरण के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित भारत बंद का जिला में व्यापक असर रहा. बंद के समर्थन में सुबह सात बजे से ही राजद, भाकपा, माकपा, माले, लोजद एवं कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गये और शहर में प्रवेश करने वाली तीनों मार्ग से जुड़े कर्पूरी चौक, भूपेंद्र चौक एवं बीपी मंडल चौक को जाम कर यातायात व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर दिया. महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने बाइक जुलूस निकालकर शहर भ्रमण करते रहे एवं सभी दुकानदारों को अपनी-अपनी दुकानें बंद रखने की अपील करते रहे, दुकानें लगभग बंद रही. बंद समर्थकों का जुलूस समाहरणालय के मुख्य द्वार पर भी जामकर सरकार विरोधी नारे लगाये. जिस कारण घंटों यातायात बाधित रहा.

मौके पर मौजूद सिंहेश्वर के राजद विधायक चंद्रहास चौपाल ने कहा कि नौ माह से चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन को अनदेखी करने का गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में छह सौ से ज्यादा किसानों की मौत के जिम्मेदार केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.

तीन कृषि कानून सिर्फ किसान विरोधी ही नहीं, बल्कि जन विरोधी भी है :

महागठबंधन के जिला संयोजक सह भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि अन्नदाता किसानों पर अत्याचार नहीं सहेंगे. उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानून सिर्फ किसान विरोधी ही नहीं, बल्कि जन विरोधी भी है. इसके लागू होने से खेती एवं किसानी बर्बाद हो जायेगा एवं कॉर्पोरेट मालामाल हो जायेगा. इस कानून के माध्यम से लूट की छूट, कालाबाजारी एवं जमाखोरी का प्रमाण पत्र देने की साजिश है. राजद के प्रदेश महासचिव बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी आम लोगों का जीना दूभर कर दिया है. डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, सरसों तेल एवं अन्य आवश्यक सामानों की बेतहाशा मूल्यवृद्धि जनता पर कहर बर पाने के समान है. राजद के वरीय नेता एवं महागठबंधन के सहायक संयोजक रामकृष्ण यादव ने कहा कि सरकार तीन कृषि कानून वापस ले एवं एमएसपी को कानूनी दर्जा दे अन्यथा सिंहासन खाली करे. काग्रेस के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह यादव ने कहा कि मोदी सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को निजी करण कर रही है. कौरी के दाम देसी-विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथ बेच रही है, जो देश हित के खिलाफ है. लोजद के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2020 गरीबों को बिजली से वंचित करने की साजिश है. प्रीपेड मीटर लगाने के बाद बिजली बिल दो गुना से तीन गुना लगना तय है.

केंद्र एवं राज्य की सरकार किसान-मजदूर विरोधी, कृषि नहीं है सरकार का एजेंडा :

भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि केंद्र एवं राज्य की सरकार किसान-मजदूर विरोधी सरकार है. कृषि, सरकार का कोई एजेंडा नहीं है. जबकि 70 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर है. कृषि को अनदेखी कर भारत के अंदर कोई भी सरकार नहीं चल सकती है. माकपा के जिला मंत्री मनोरंजन सिंह ने कहा कि आजाद भारत का सबसे बड़ा लंबा एवं बड़ा यह किसान आंदोलन है. जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा. एक दिन किसान आंदोलन की आग में मोदी सरकार भस्म हो जायेगी. भाकपा माले के किसान नेता शंभू शरण भारती ने कहा कि जो किसानों की अनदेखी करेगा वह भारत पर राज नहीं करेगा भारत में कंपनी राज नहीं किसान राज चलेगाl  एस यू सी आई के नेता रोशन कुमार रवि ने कहा कि केंद्र की सरकार श्रम कानून में संशोधन कर मजदूरों के अधिकारों पर हमला की है यह सरकार किसान और मजदूर विरोधी सरकार हैl जाप के जिला अध्यक्ष मोहन मंडल ने कहा कि जय जवान जय किसान की जगह मोदी सरकार का मंत्र है मर जा जवान मर जा किसानl   बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रमण कुमार ने कहा कि मोदी सरकार एक सुनियोजित साजिश के तहत खेती और किसानों को बर्बाद करना चाहता है, किसानों की खेत कारपोरेट के हवाले कर देना चाहता है. बीएनएमयू के सीनेट सदस्य डा जवाहर पासवान ने कहा कि सार्वजनिक उपकर्मों को निजीकरण करना एवं तीन कृषि कानून संसद से मनमानी ढंग से पारित करना देश विरोधी कदम है.

बंद कार्यक्रम में राजद के युवा नेता पंकज कुमार यादव, राजद प्रखंड अध्यक्ष सुरेश कुमार यादव, मनोज कुमार यादव, नगर अध्यक्ष भारत भूषण, पप्पू यादव, संत यादव, संजीव यादव, अमेश यादव, मीडिया प्रभारी कमल दास, मंजेश यादव, नेपोलियन, राजदीप, विक्रम, विनोद, शैलेंद्र, सीपीआई नेता सागर चौधरी, जगत नारायण शर्मा, उमाकांत सिंह, मुकुंद प्रसाद यादव, मोती सिंह, चांद, बिंदेश्वरी यादव, मनोज राम  निरंजन चौधरी, सिराज, फनेश्वर यादव, लोजल नेता डा विजेंद्र कुमार, गोपाल कुमार, धीरेंद्र कुमार, दिनेश ऋषिदेव, जयकांत यादव, कांग्रेस नेता कामेश्वर यादव, कामेश्वर सिंह, मुस्ताक, आजाद, कासिम, अनवर, माकपा नेता एवं अधिवक्ता श्यामानंद गिरी, किसान नेता शंकर यादव, जाप नेता रविंद्र सिंह, राजकुमार, समता सेकुलर मोर्चा के नेता उमेश यादव, अरुण यादव  मिलन यादव, सीपीआई के युवा नेता शंभू क्रांति, दिलीप पटेल, कृष्णा मुखर्जी, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव, एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन, कौशल कुमार, अयूब, रिजवान, रुस्तम, उमाशंकर मुन्ना, गिरधारी कुमार, ब्रह्मचारी पासवान, पंकज कुमार जयसवाल, शिव पोदार, सीताराम रजक, अर्जुन सिंह, बबलू मुर्मू, सिकंदर राम, मुन्ना, वकील राम, युवा राजद जिला प्रवक्ता संजीव कुमार, छात्र राजद विश्वविद्यालय अध्यक्ष अजय उर्फ किशोर यादव, युवा राजद प्रदेश सचिव रीतेश यादव, मंजेश यादव, राजदीप यादव, आशीष कुमार, सचिव नवीन कुमार, प्रधान महासचिव अभिलाष यदुवंशी, रोशन कुमार, महासचिव मनीष कुमार, कोषाध्यक्ष रोशन यादव, माधव कुमार, नीतीश यदुवंशी, जापानी यादव, छोटू यादव, मणिकांत यादव, राजा, उपाध्यक्ष साजन, अमित यादव समेत अन्य मौजूद थे.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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