बिना जरूरी ना निकलें घर से बाहर, मास्क का करें इस्तेमाल : डीएम श्याम बिहारी मीणा

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मधेपुरा/बिहार : कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक है. विगत लगभग डेढ़ महीने में जो जांच रिपोर्ट आई है, वह चिंताजनक है. जिले में अब तक 3339 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से पीड़ित पाए गए हैं. वहीं सोमवार को 270 मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जो यह दर्शाता है कि पूरी तरह एहतियात जरूरी है. किसी भी सूरत में बिना मास्क के बाहर ना निकले. जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा ने सोमवार को समाहरणालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 208 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 आईसीयू एवं 19 वेंटिलेटर है. सदर अस्पताल में पांच वेंटिलेटर एवं पांच आईसीयू है. साथ ही जिला मुख्यालय स्थित मिशन अस्पताल में भी चार आईसीयू एवं दो वेंटिलेटर उपलब्ध है. डीएम ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अलग-अलग विभागों में अलग-अलग अधिकारियों एवं कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है. डीएम ने कहा बिना जरूरी घर से बाहर नहीं निकलना है. वहीं मास्क का इस्तेमाल करना है. प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार उपस्थित थे.

जनवरी से अब तक एक लाख 88 हजार लोगों की कोरोना जांच : जिला पदाधिकारी ने बताया कि ऑक्सीजन गैस का 50 सिलेंडर ट्रांजिट में रहता है.  साथ ही उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर दवा फिजिशियन डॉक्टर के सलाह पर उपलब्ध कराई जायेगी. साथ ही अभी जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रेमडेसिविर दवा की एक सौ भायल एवं सदर अस्पताल में 32 भायल उपलब्ध है. वहीं उन्होंने बताया कि जनवरी से अब तक एक लाख 88 हजार लोगों की कोरोना जांच की गई है. जिसमें 3109 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. इनमें से मार्च महीने में 13 लोग, अप्रैल महीने में 2829 लोग एवं मई महीने में 267 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत है. जिला पदाधिकारी ने बताया कि जिले में अब तक एक लाख 15 हजार लोगों को टीका का पहला डोज दे दिया गया है. वहीं 20 हजार लोगों को दूसरा डोज भी दे दिया गया है.

जिले में छह एंबुलेंस कोविड मरीजों एवं सामान्य मरीजों के लिए 18 एंबुलेंस उपलब्ध : डीएम ने बताया कि जिले में 24 एंबुलेंस उपलब्ध है. जिसमें छह एंबुलेंस कोविड मरीजों के लिए एवं 18 एंबुलेंस सामान्य मरीजों के लिए है. साथ ही मेडिकल कॉलेज में दो एंबुलेंस एवं दो शव वाहन उपलब्ध है. दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए धावा दल का गठन किया गया है. जिले में 68 कंटेंटमेंट जोन बनाये गये हैं. आवश्यक खाद्य सामग्री की कालाबाजारी रोकने एवं मूल्य नियंत्रण के लिए जिले के दोनों अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी को निदेशित किया गया है. सांसद, विधायक एवं पार्षदों के साथ साप्ताहिक बैठक कर स्थिति से अवगत कराया जाता है एवं अग्रेतर कार्रवाई के लिए दिशानिर्देश भी प्राप्त किया जाता है. वहीं कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जिला में दो नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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