मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड स्थित हरिहर साहा महाविद्यालय उदाकिशनगंज की दो महिला कर्मियों ने महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा राम नरेश सिंह पर परेशान एवं प्रताड़ित तथा वेतन रोकते हुए पद से हटाने की धमकी देने का आरोप लगाया है. इस बाबत महाविद्यालय की दोनों कर्मियों ने बीएनएमयू कुलपति प्रो डा राम किशोर प्रसाद रमन को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. साथ ही कर्मियों ने आवेदन की प्रतिलिपि राज्यपाल सचिवालय को भी भेजा है.
इस बाबत बीएनएमयू कुलपति प्रो डा राम किशोर प्रसाद रमन ने कहा कि हरिहर साहा महाविद्यालय उदाकिशनगंज के दो महिला कर्मियों द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ है. अग्रेतर कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय कार्य कर रही है.
महिला कर्मी व छात्राओं के साथ प्राचार्य करते हैं अभद्र व्यवहार : हरिहर साहा महाविद्यालय उदाकिशनगंज की परिचायिका के पद पर कार्यरत मोनिका कुमारी ने कुलपति को दिये गए आवेदन में कहा है कि महाविद्यालय विकास समिति के निर्णय एवं विश्वविद्यालय के अनुमोदन के बाद हरिहर साहा महाविद्यालय उदाकिशुनगंज की छात्राओं की देखभाल के लिए उनकी नियुक्ति प्रभारी प्राचार्य द्वारा की गई है. वे नियमित रूप से निष्ठा पूर्वक महाविद्यालय की सेवा के साथ छात्राओं की देखभाल करती हैं. जिसके लिए समय-समय पर अन्य कर्मियों की तरह उनका भी वेतन भुगतान होता है. उन्होंने कहा कि प्रभारी प्राचार्य द्वारा उनका वेतन रोकने एवं सेवा से हटाने की बार-बार धमकी मिल रही है. जिसके कारण भी परेशान है. उन्होंने कहा कि महिला कर्मियों के साथ प्रभारी प्राचार्य का व्यवहार अमर्यादित एवं अमानवीय होता है. जिससे वे हमेशा डरी एवं सहमी हुई रहती है. उन्हें अपने साथ अनहोनी होने का भय लगा हुआ रहता है. उन्होंने कहा कि कई बार उनके सामने ही अन्य महिला कर्मी एवं छात्राओं के साथ प्रभारी प्राचार्य द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है.
प्रभारी प्राचार्य के द्वारा किया जाता है मानसिक रूप से प्रताड़ित : हरिहर साहा महाविद्यालय उदाकिशनगंज की परिचायिका के पद पर कई वर्षों से संविदा पर कार्यरत हीना कुमारी ने कुलपति को दिये गए आवेदन में कहा है कि उन्हें बीते कुछ दिनों से महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य के द्वारा अभद्र आचरण के साथ मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. उनके द्वारा कहा जाता है कि कार्य से हटाकर, रोड पर भेजकर रोड छाप बना दिया जायेगा. इधर तो वे लगातार कार्य से हटाने की धमकी दे रहे हैं. जिससे भी दवाब एवं तनाव में हैं. उन्हें डर है कि वे बेसहारा बनकर जीने के लिए विवश हो जायेंगी. ने बताया कि उनकी मां नहीं है एवं पिता विकलांग है. उनके जीविका से ही परिवार का भरण पोषण होता है. उनके साथ पूर्व में भी प्रभारी प्राचार्य द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया है.