तीसरे दिन भी जारी रहा किसान धरना

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अंजुम शहाब
ब्यूरो
मुजफ्फरपुर

समस्तीपुर/बिहार : दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में तीनों कृषि कानून, प्रस्तावित बिजली विधेयक 2020 वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, बंद पड़े चीनी-पेपर आदि मीलों को चालू करने, दाखिल- खारिज- एलपीसी में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी करने, फसल क्षति मुआवजा देने, बिहार में बाजार समितियों को पुनः बहाल करने, मुख्यालय स्थित अंबेडकर एवं कर्पूरीस्थल को आंदोलन स्पाट घोषित करने समेत किसान हित के अन्य मांगों को लेकर शनिवार को भाकपा माले से जुड़े अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले किसानों ने आक्रोशपूर्ण धरना तीसरे दिन भी अनवरत जारी  रहा।

 धरना की अध्यक्षता किसान महासभा के संयोजक महावीर पोद्दार ने किया। अमित कुमार,बंदना सिंह, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, सुनील कुमार, मिथिलेश कुमार, रामचंद्र पासवान, फूल बाबू सिंह, उपेंद्र राय, प्रेमानंद सिंह, दिनेश कुमार, फूलेंद्र प्रसाद सिंह, मनीषा कुमारी के अलावे रामभरोस राय, नवीन सिंह, रामबाबू महतो, श्यामनारायण चौरसिया, मो० नईम, मो० अन्नु, मो० फरमान, गंगा पासवान, महेश सिंह, मो० फरमान, दीपक यादव, राजू कुमार झा, ललित सहनी, कल्याणपुर के भाकपा माले समर्थित महागठबंधन उम्मीदवार रंजीत राम आदि ने धरनार्थियों को संबोधित करते हुए मोदी सरकार को किसान विरोधी सरकार की संज्ञा देते हुए आंदोलन तेज करने की घोषणा की।

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  अपने अध्यक्षीय भाषण में महावीर पोद्दार ने कहा कि मोदी सरकार किसान और किसान को अडानी- अंबानी को सौपकर किसान को गुलाम बनाना चाह रही है। अब किसान अपनी मर्जी से नहीं बल्कि कारपोरेट कंपनी के आदेश पर फसल उगाएंगे, किसान के सस्ते उपज को ये कारपोरेट कंपनियां येनकेनप्रकारेण खरीदकर उपभोक्ताओं से महंगी कीमत वसूल करेंगे, भारत के किसान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

 मौके पर माले नेता उपेंद्र राय ने तमाम सामाजिक, राजनीतिक दलों, संगठनों से अपील की है कि अंबेडकर एवं कर्पूरी स्थल को आंदोलन स्पाट घोषित करने को अपने स्तर से संघर्ष तेज करें।  अंत में किसानों ने धरनास्थल से किसान मार्च निकालकर मुख्यालय के मुख्य मार्गों का नारे लगाते भ्रमण किया।


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