मधेपुरा : नासूर बनती जा रही है शहर में जाम की समस्या, कागज पर सिमट कर रह जाता है आदेश

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अमन कुमार
संवाददाता, सदर
मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय इन दिनों अतिक्रमण एवं गंदगी की जद में आकर अपना सौंदर्य खो चुका है। अतिक्रमण एवं गंदगी के कारण शहर में रहने वाले लोगों की सांसें फूल रही है। शहर में जगह-जगह डंप कचरा एवं सड़कों के अतिक्रमण से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। शहर में कई जगह अवैध रूप से चार पहिया वाहन व ऑटो स्टैंड चल रहे हैं, जिसके कारण जाम की समस्या रहती है। दर्जनों ऑटो व चार पहिया सड़क पर लगे रहते हैं। शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई रहती है। शहर में साफ सफाई व्यवस्था बहाल करने में नगर परिषद पूरी तरह विफल साबित हो रही है। जगह-जगह कचरे का डंप तथा चौक-चौराहों पर कचरा बिखरा पड़ा रहता है। जहां आवारा पशु विचरण करते हैं। कहने को तो शहर में नप सफाई का कार्य देखती है, लेकिन उस हिसाब से सफाई दिखाई नहीं देती है, जबकि सफाई के नाम पर प्रति महीना लाखों खर्च किए जा रहे हैं।

नासूर बनती जा रही है शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या : सफाई नहीं होने के कारण लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लोगों का कहना है कि एक तरफ कोरोना वायरस और दूसरी तरफ यह गंदगी ने जीना दुर्लभ कर रख दिया है, दुर्गंध के कारण लोगों को सांस लेना भी मुश्किल जाता है. शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या नासूर बनती जा रही है। इसके कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि हजारों वाहनों का हजारों रुपए के तेल में फंसने के कारण रोजाना जल रहा है। शहरों का ऐसा कोई भी सड़क नहीं है, जहां जाम की समस्या से लोगों को रूबरू नहीं होनी पर रहा है। इन सड़कों से गुजरने वाली वाहनों को काफी देर तक जाम में फंसे रहना पड़ता है। अतिक्रमण का दौर भी जारी है। पानी टंकी चौक से लेकर सुभाष चौक एवं पुरानी कचहरी बाजार तक सड़कों के दोनों किनारे फुटपाथ विक्रेता व्यवसाय करते हैं। जिस कारण राहगीरों को दो पहिया वाहन या चार पहिया वाहन ले जाने में काफी परेशानी होती है।

पार्किंग की सुविधा नही रहने के कारण लगती है जाम : शहर में जाम की समस्या का कारण सड़क पर व्यापक अतिक्रमण है। शहर में स्थाई एवं अस्थाई दोनों प्रकार के अतिक्रमण दिखते हैं। ऑटो रिक्शा, रिक्शा उत्पाद की दुकान सड़क पर ही लगे रहते हैं। वही मालवाहक वाहन सड़क पर ही लगा दी जाती है, जिससे आमजनों व राहगीरों को परेशानी होती है।

कागज पर सिमट कर रह जाता है आदेश : शहर में जाम की समस्या सिर्फ आम नागरिकों के लिए नहीं बल्कि यहां रहने वाले अधिकारियों के लिए भी उसी तरह की है। प्रशासनिक स्तर से शहर में जाम की समस्या के हल को ढूंढने के लिए कई तरह के आदेश निर्गत किए जाते हैं पर करवाई नहीं होती है। पिछले वर्ष जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद के द्वारा थाना चौक से लेकर सुभाष चौक तक सड़क किनारे स्थान चिन्हित कर लिया गया था, लेकिन आगे इस पर कोई पहल नहीं किया गया।

इन जगहों पर लगी रहती है जाम : शहर के पानी टंकी चौक, थाना चौक, सुभाष चौक, पुरानी कचहरी एवं पूर्णिया गोला चौक पर जाम लगती है. दरअसल शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग अपने वाहन सड़कों पर ही लगा देते हैं। कई विभाग के दफ्तर बाजार में है। दफ्तर जाकर काम करने वाले लोग सड़क पर ही गाड़ी लगा कर घंटों छोड़ देते हैं। जिस कारण जाम की समस्या रहती है। वहीं दुकानदार द्वारा भी सड़क का अवैध रूप से अतिक्रमण कर लिया गया है।

जाम के वजह से खरीदारी में होती है परेशानी : शुक्रवार को धनतेरस, शनिवार को दीपों का महापर्व दिवाली एवं छठ त्यौहार को लेकर बाजार में इन दिनों लोगों द्वारा खरीदारी की जा रही है। ऐसे मैं बाजार में सड़कों पर लगे वाहनों के कारण लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। जिस कारण कई बार लोगों में बक-झक भी हो जाती है, लेकिन इस समस्या का समाधान को नगर प्रशासन अब तक मौन है।

इस बाबत पूछे जाने पर सदर एसडीओ नीरज कुमार ने बताया कि शहर में जाम की समस्या का जल्द ही की समाधान निकाला जाएगा ।


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