छलावा है सबका साथ, सबका विकास का नारा, आजादी के 73 साल बाद भी एक अदद सड़क को तरस रहे है अल्पसंख्यक और महादलित

Spread the news

रियाज खान
संवाददाता
छातापूर/सुपौल

छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर प्रखंड क्षेत्र के घिवहा पंचायत वार्ड एक स्थित चकला गांव के ग्रामीणों ने रविवार को पक्की सड़क की मांग को लेकर रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाते हुए प्रदर्शन किया। बताते चलें की इस गांव में एक हजार अल्पसंख्यक और महादलित परिवार रह रहे हैं, लेकिन उन लोगों को आने जाने के लिए आजादी के 73 वर्ष बीत जाने के बाद भी पक्की सड़क नसीब नहीं हुआ, “सबका साथ-सबका विकास” का दम भरने वाली सूबे की वर्तमान सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल के दौरान भी अल्पसंख्यक और महादलित आबादी वाले इस इलाके में सड़क निर्माण का कार्य अबतक नहीं हुआ । यानि सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के द्वारा लाए गए सात निश्चय योजन का लाभ से भी यहां के अल्पसंख्यक और महादलित परिवार को वंचित रखा गया ।

खबर से संबंधित वीडियो देखें के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उक्त सड़क मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से 2 करोड़ 18 लाख 16 हजार 479 रुपये की लागत से बनाये जाने को लेकर संवेदक द्वारा तीन वर्ष पूर्व ही बोर्ड भी लगाया गया था, जिसमें कार्य प्रारंभ की तिथि 28 अक्टूबर 2017 है, और समाप्ति का तिथि 27 अक्टूबर 2018 है । लेकिन कार्य समाप्ति तिथि के दो वर्ष बीतने के बाद भी कार्य नहीं गया है। लोगों का आरोप है कि पदाधिकारी  और जनप्रतिनिधि के उपेक्षा के कारण अब तक उक्त मार्ग को पक्की नहीं किया जा सका है और ना ही मिट्टी भरवाया गया है । जिसको लेकर हल्की वर्षा में ही वार्ड एक स्थित मुस्लिम टोला कि कच्ची सड़क कीचड़ मय हो जाता है ।

जनप्रतिनिधियों का आश्वासन सिर्फ छलावा : सड़क की मांग को लेकर अपने अपने हांथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे मो रियाज, सीताराम शर्मा, मो सुलेमान, सुखदेव शर्मा, मो लुकमान, मौलवी हमीद, मो सुभान, मो जियाउल हक, मो मुस्ताक, मो मुस्तकीम, नौशाद आदिल, मो मोफिल, मो जमशेर, मो तबरेज, मो दिलशाद, मो रसूल आदि ने बताया कि जब चुनाव का समय होता है, तब बड़े बड़े बाबू सफेद कुर्ता पैजामा पहनकर वोट मांंगने के लिए आते हैं और हमलोगों से वादा करते हैं कि चाचा, चाची, मामा हम जैसे ही जीत जाएंगे, सबसे पहले आपके गांव में सड़क बना देंगे, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही कोई भी नेता या पदाधिकारी हमारे गांव नहीं आते हैं। बताया कि कई वर्षों से हम सब ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई फायदा नही हुआ। इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में किसी भी उमीदवार के पक्ष में वोट नहीं करेंगे, सिर्फ नोटा बटन दबाने का काम करेंगे ।

लाेगाें ने बताया कि मरीज हो या गर्भवती महिला, अस्पताल ले जाने के लिए आधा किलोमीटर तक खटिया के सहारे मरीज को उठाकर गाड़ी पर पहुंचना पड़ता है । बताया कि सड़क नही रहने के कारण हम लोगो के गांव में लोग शादी विवाह करने से भी कतराते हैं । आक्रोशित लाेगाें ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर पदाधिकारी से लेकर मुखिया व विधायक, सांसद तक कई बार गुहार लगाकर थक चुके हैं लेकिन आज तक कोई देखने तक नहीं आया। लाेगाें ने कहा की जब तक सड़क निर्माण नहीं होगा हमलोग चुनावी महापर्व में भाग लेकर नोटा बटन का इस्तेमाल करेंगे ।


Spread the news