मधेपुरा : आश्वासन के ही सहारे अबतक टिका है उदाकिशुनगंज में रेल सेवा

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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल के बिहारीगंज भाया बनमनखी रेल लाइन को छोड़ दें तो यहां रेल यातायात तो दूर सड़क यातायात भी लोगों को मुकम्मल नहीं है। सुविधा विहीन क्षेत्र के किसान अपनी मेहनत की कमाई को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर है।

बताया जाता है कि उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र के लोग 80 के दशक से ही रेल लाइन बिछाने की मांग करते आ रहे हैं। जबकि उदाकिशुनगंज, चौसा, आलमनगर, पुरैनी, ग्वालपाड़ा समेत पूर्णिया, भागलपुर व खगड़िया जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रही एक बड़ी आबादी मात्र बिहारीगंज रेलवे पर ही निर्भर है। वही बढ़ी रेल लाईन का काम चलने के कारण फिलहाल यातायात बाधित है। 

घोषणा के बावजूद भी अधर में है योजना : कई रेलमंत्री की घोषणा के बावजूद यह क्षेत्र पूर्ण रूप से उपेक्षित है। रेलमंत्री की घोषणा एक मात्र छलावा साबित हुआ है। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण उदाकिशुनगंज अनुमंडल को रेल सेवा से अबतक नहीं जोड़े जाने से आमलोगों में नराजगी है। उदाकिशुनगंज को रेल सेवा से जोड़ने के लिए एक बार फिर आमलोग जन आंदोलन चलाने के मूड में हैं। गौरतलब है कि रेल मंत्रालय की बेरुखी के कारण आजादी के बाद उदाकिशुनगंज अनुमंडल के बिहारीगंज से आगे रेल का विस्तार नहीं हो पाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि तत्कालीन रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र ने कई रेल पथ विस्तार की स्वीकृति दी थी। ज्ञात हो कि बिहारीगंज रेलवे स्टेशन की स्थापना 1943 में ब्रिटिश शासनकाल में की गयी थी। रेल पथ बिहारीगंज से बनमनखी तक बना, लेकिन आजादी के बाद जब पहली नजर बिहारी नेता के रूप में ललित नारायण मिश्र रेलमंत्री बने तो बिहारीगंज से आगे तक कई रेल पथ परियोजनाओं की स्वीकृति दिये थे। लाइन का सर्वेक्षण भी करा चुके थे। लेकिन उनके निधन के बाद सभी परियोजनाएं दबी की दबी रह गयी,जबकि बाद में कई बिहारी सांसद रेलमंत्री रहे।

 इन परियोजनाओं की मिली थी स्वीकृति : बिहारीगंज से नवगछिया वाया उदाकिशुनगंज, पुरैनी, चौसा, बिहारीगंज से कोपरिया वाया उदाकिशुनगंज,  आलमनगर, बिहारीगंज से कुर्सेला, बिहारीगंज से सहरसा वाया ग्वालपाड़ा, बिहारीगंज से छातापुर वाया मुरलीगंज, बिहारीगंज से सिमरी बख्तियारपुर तक रेल लाइन विस्तार परियोजना की स्वीकृति ललित नारायण मिश्र ने दी थी।

एक भी परियोजना पर किसी भी रेलमंत्री अमल नहीं कर सके : लालू प्रसाद ने राज्यसभा में एक प्रश्न के दौरान बिहपुर से बिहारीगंज वाया पचरासी स्थल, लौआलगान, चौसा, पुरैनी रेल पथ की घोषणा की थी, लेकिन वह भी मूर्त रूप नहीं ले सका। जबकि तत्कालीन राज्य सभा सदस्य डा जगन्नाथ मिश्र ने चार मई 1995 को सदन में इन सारी रेल लाइन विस्तार परियोजनाओं के क्रियान्वयन कराये जाने के लिए सदन में आवाज उठा कर बहस का मुद्दा बनाया था, लेकिन यह आवाज भी रेलमंत्री के आश्वासन के सहारे दब कर रह गयी।

बताया जाता है कि जब रेलमंत्री नीतीश कुमार थे तब पूर्णिया के तत्कालीन सांसद जयकृष्ण मंडल की मांग पर दालकोला से कोपरिया वाया पूर्णिया, भवानीपुर, बिहारीगंज, उदाकिशुनगंज, आलमनगर रेल लाइन विस्तार परियोजना की स्वीकृति दी थी।

रेलमंत्री पद से हटते ही परियोजना पर लगा ग्रहण : 12 जनवरी 2004 को तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार ने मधेपुरा व बाद में दिल्ली में उक्त परियोजनाओं पर अपनी सहमति व्यक्त की थी। इस परियोजना का सर्वे भी कराया गया था, लेकिन सर्वे के बाद नीतीश कुमार के रेलमंत्री पद से हटते ही इस परियोजना को ग्रहण लग गया। 15 नवंबर 1997 को तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान ने मधेपुरा में घोषणा की थी कि इन सारी रेल परियोजनाओं पर जल्द काम शुरू करवा दिया जायेगा। वैसे इसके पूर्व पासवान ने चार नवंबर 1996 को कुर्सेला वाया बिहारीगंज, चौसा होते हुए सहरसा तक रेल परियोजना का शिलान्यास किये थे। वह भी शिलान्यास तक ही में ही सिमट कर रह गया। इस कार्य के सर्वेक्षण में तीन लाख रुपये से अधिक खर्च किये गये और परियोजना पर 150 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान था। रेलमंत्री लालू प्रसाद ने रूपौली में बिहारीगंज से कुर्सेला रेल मार्ग का शिलान्यास किया, लेकिन आज तक नसीब नहीं हो पाया।

रेल सेवा शुरू हुई तो एक बड़ी आबादी इससे जुड़ जायेगी : छात्र जाप नेता नीतीश राणा ने रेलमंत्री को व्यक्तिगत पत्र भेज कर उक्त परियोजनाओं को मूर्त रूप देने की मांग करते हुए कहा कि कुर्सेला से बिहारीगंज रेल मार्ग को रूपौली, चौसा, पुरैनी एवं उदाकिशुनगंज के रास्ते यदि बिहारीगंज में मिलाया जाता है, तो एक बड़ी आबादी रेल सेवा से जुड़ जायेगा। हालांकि पूर्व मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहपुर से बिहारीगंज भाया पचरासी स्थल चौसा को बजट सत्र में शामिल कराया था।

वही उदाकिशुनगंज अनुमंडल सैकड़ो लोगों ने रेलमंत्री से उक्त परियोजना की स्वीकृति दिये जाने की मांग की है।


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