मधेपुरा : जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग तेज  

Spread the news

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : वैश्विक महामारी कोरोना ने दुनिया भर को भयाक्रांत कर डाला है। लाखों लोगों की जानें लील ली है। विश्व की तमाम बड़ी शक्तियां इस महामारी के सामने नतमस्तक है। अपने देश में भी अबतक 28 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। 53 हजार लोग बेवक्त मर चुके हैं।

उक्त बातें सोमवार को पूर्व पार्षद सह सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव के आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन व लवली आनंद के पुत्र अंशुमन मोहन ने कही। उन्होंने कहा कि ऐसे में निर्वाचन आयोग का चुनाव कराने की जिद समझ से परे है, अगर चुनाव हुआ तो फिजिकल डिस्टेंस का पालन असंभव है और सैकड़ों लोगों द्वारा एक ही ईवीएम के इस्तेमाल से भारी पैमाने पर संक्रमण की गुंजाइश को कोई रोक नहीं सकता है। मैं चुनाव आयोग, केंद्र एवं राज्य सरकार से अपील करता हूं कि देश में जब तक कोरोना को लेकर सामान्य स्थिति बहाल नहीं होती है, वे तत्काल प्रभाव से चुनावी कार्यों पर रोक लगाये।

बिहार की ओछी राजनीति का शिकार हुये हैं पूर्व सांसद आनंद मोहन : अंशुमन मोहन ने कहा कि उन्होंने कहा कि विगत लोक सभा चुनाव में सहयोग की अपील पर हमने पूरे बिहार में एनडीए को अपना समर्थन दिया। सार्वजनिक मंचों से मुख्यमंत्री ने भी पटना में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने एवं आनंद मोहन की रिहाई की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन उस गुनाह की सजा काट रहे हैं, जो उन्होंने किया ही नहीं। बिहार की ओछी राजनीति का शिकार होकर वे विगत साढे 13 वर्षों से जेल की सलाखों में कैद हैं। जेल में बिताये उनके अच्छे आचरण को देखते हुये बिहार एवं भारत सरकार से निवेदन है कि वे पूर्व सांसद आनंद मोहन को विधानसभा चुनाव पूर्व सम्मानजनक रिहाई सुनिश्चत करें, वरना बिहार सहित पूरे देश में व्यापक आंदोलन का सामना करना होगा। जिसका खामियाजा सीधे तौर पर सत्तारूढ़ पार्टियों  को उठानी पड़ेगी।

विधानसभा चुनाव में सरकार को करना पड़ेगा भारी जनाक्रोश का सामना : पूर्व पार्षद सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव ने कहा कि वक्त का तकाजा है कि चुनाव पूर्व वे अपना दोनों वादों को  पूरा करें एवं दो सप्ताह से भूख हड़ताल पर बैठे धनवंत सिंह राठौड़ का अपना प्रतिनिधि भेज कर शीघ्र अनशन तुड़वाने का प्रयास करें, वरना विधानसभा के आगामी चुनाव में सरकार को भारी जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

मौके पर फ़्रेंड्स ऑफ आनंद के वरीय नेता बाबाजी सिंह, युवा अध्यक्ष अमित कुमार मोनी, पार्षद रेखा यादव, पूर्व पार्षद रविशंकर यादव, अशोक ठाकुर, बिंदेश्वरी यादव, संतोष राय, दिवाकर यादव, लक्ष्मण यादव, मुकेश कुमार, अंकित कुमार सहित फ्रेंड्स ऑफ आनंद के कई सक्रिय कार्यकर्ता मौजूद थे।


Spread the news