मधेपुरा : जिले के स्वास्थ्य संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

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अमन कुमार
संवाददाता, सदर
मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : रविवार से जिले के स्वास्थ्य संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। स्वास्थ्य संविदा कर्मी के हड़ताल पर चले जाने से सदर अस्पताल समेत प्रखंड के स्वास्थ्य उपकेंद्र तक इसका असर दिख रहा है। कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों का हड़ताल पर चले जाना आम लोगों के लिये परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसी रही तो जिले के सदर अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य उपकेंद्र तक की स्थिति बद से बदतर हो सकती है।

 बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी के जिलाध्यक्ष मुकेश एवं सचिव अमित सिन्हा ने कहा कि बिहार राज्य संविदा कर्मी महासंघ के आवाहन पर स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल से उत्पन्न किसी भी विषम परिस्थिति की सारी जवाबदेही स्वास्थ्य प्रशासन की होगी। मांगों से अवगत कराते हुये जिलाध्यक्ष एवं सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य स्तर, चिकित्सा महाविद्यालय स्तर, जिला स्तर, अनुमंडल स्तर, प्रखंड स्तर एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर पर कार्यरत विभिन्न कोटि के संविदा कर्मियों एवं पदाधिकारियों का मानदेय का पुनरीक्षण कर शत प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाय।

बिना किसी प्रमाण के सेवा से हटाने की परंपरा पर लगे अविलंब रोक : संघ ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों के मानदेय का पुनरीक्षण करते हुए टॉप अप दिया गया है, उसे अन्य संविदा कर्मियों पर लागू करते हुये वेतन में तत्काल सम्मानजनक बढ़ोतरी की जाय, श्रम मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पारित न्यूनतम मजदूरी कम से कम 24 हजार रुपया मानदेय का निर्धारण निश्चित रूप से सभी संवर्ग के लिये सुनिश्चित किया जाय, एनएचएम पदाधिकारी एवं कर्मी का संवर्ग नियमावली निर्माण करते हुये, पद सृजित करते हुये, उनके अपने ही पद पर समायोजित किया जाय, वर्तमान में राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय के वरीय पदाधिकारी द्वारा बिना किसी प्रमाणिक कारण के सेवा से हटाने की परंपरा पर अविलंब रोक लगाई जाय, जिससे बिना किसी भय एवं देश के सभी कर्मी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें, वैसे सभी एनएचएम कर्मी जो बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत स्वीकृत पद के अनुरूप एनएचएम अंतर्गत कार्य कर रहे हैं, उनका बिना शर्त समायोजन किया जाय।

उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कर लागू की जाय सेवा शर्त नियमावली : संघ ने कहा कि वैसे सभी एनएचएम कर्मी जिन्होंने इस वित्तीय वर्ष में अपने सेवा के तीन वर्ष या पांच वर्ष पूरा किये हैं। उन्हें लॉयल्टी बोनस के भुगतान के लिये आदेश तत्काल प्रभाव से निर्गत किया जाय। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन कार्यरत सभी संविदा कर्मी एवं पदाधिकारियों का उनके पद के अनुसार सेवा शर्त निर्धारण के लिये दायर समादेश याचिका की सुनवाई के क्रम में उच्च न्यायालय द्वारा 14 अगस्त 2019 को पारित आदेश का अविलंब अनुपालन करते हुये, सेवा शर्त नियमावली अविलंब लागू की जाय। आरकेएस डाटा ऑपरेटर, संजीवनी डाटा ऑपरेटर या अन्य सभी स्रोतों से नियुक्त किये गये डाटा ऑपरेटर, जिन्हें निजी एजेंसी के माध्यम से रखा जा रहा है, उन्हें बिना किसी शर्त के जिला स्वास्थ समिति में समायोजित किया जाय।

 इस बाबत संघ ने जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला को 17 सूत्री मांग पत्र सौंपा। मौके पर तेजेंद्र, नवनीत चंद्रा, संजीव सिन्हा, नौशाद अंसारी, मुकेश कुमार, आलोक कुमार, रोशन कुमार उपस्थित थे।


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