सुपौल : आजादी के 73 साल बाद भी नहीं बदली इस गॉंव की तस्वीर, “सबका साथ-सबका विकास” छलावा ?

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छातापुर से नौशाद आदिल की रिपोर्ट :

छातापुर/सुपौल/बिहार : विकास के इस दौर में भले ही चहुंओर सड़कों का जाल बिछ गया हो। गांव की गलियां तक चकाचक हो गई है। लेकिन इसे विडंबना कहिए या बदनसीबी कि आजादी के 73 वर्ष बाद भी छातापुर प्रखंड का घीवाहा पंचायत, वार्ड नंबर एक और डहरिया पंचायत, वार्ड नम्बर दो स्थित चकला गांव के ग्रामीण सड़क के लिए तरस रहे हैं। वार्ड नंबर एक व वार्ड नम्बर दो के मुस्लिम व महादलित टोले की सड़क में जगह-जगह बने बड़े-बड़े गड्ढे व उबड़-खाबड़ सड़क इसकी जर्जरता को खुद बयां करती है। गढ्ढेनुमा सड़क में घुटने भर पानी और कीचड़ से लबालब रहने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन तो दूर पैदल चलना भी दुर्लभ हो गया है।

गॉंव की बदहाली का वीडियो यहाँ देखें :

जानकारी अनुसार इस टोला से गुजरी सड़क से लगभग 500 के आबादी को डहरिया युवक चौक मार्ग से जोड़ते हुये स्टेट हाईवे 91 में मिलती है । लेकिन इस मार्ग में वर्षों से पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि के उपेक्षा के कारण अब तक उक्त मार्ग को पक्की नहीं किया जा सका है और ना ही मिट्टी भरवाया गया है । जिसको लेकर हल्की वर्षा में ही वार्ड एक स्थित मुस्लिम टोला कि कच्ची सड़क कीचड़ मय हो जाता है । जनप्रतिनिधियों के आश्वासन यहां के लोगों के लिए हर बार कोरे ही साबित होते हैं। आजिज ग्रामीण अब अपनी किस्मत पर रोने को मजबूर हैं।

स्थानीय ग्रामीण मोo युसुफ आदिल, मौलाना अब्दुल जलील, गणेश शर्मा, वारीद हक, मोo जहरुद्दीन, मोo सलीम, मोo क़ासिम, मो अजीमुल्ला, मो जमीलअख्तर, मो अफसर आलम, मो आबिद हुसैन, मो रसूल, मो तस्लीम, रामजी शर्मा आदि ने बताया कि एक अदद सड़क के लिए यहां के लोग वर्षों से जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं, लेकिन अब तक आश्वासनों के झुनझुने के सिवा कुछ नहीं मिला।

 इस बरसात के दिनों में तो हालत यह हो गई है कि यहां के लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। जगह-जगह जमा पानी व कीचड़मय सड़क पर गाड़ी-घोड़ा तो दूर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं होता है। रात के अंधेरे में कई बार ग्रामीण गिरकर घायल भी हो जाते हैं। लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। उबड़-खाबड़ कच्ची सड़क हर पल हादसे को न्योता दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गत लोकसभा चुनाव में ही यहां के ग्रामीण वोट बहिष्कार का निर्णय ले चुके थे। लेकिन आपस में विचार-विमर्श के बाद यहां के लोगों ने इस उम्मीद के साथ मतदान किया था कि चुनाव के बाद पक्की सड़क नसीब हो जायेगी। लेकिन अब तक यहां के लोग आश्वासनों के सहारे छले ही जा रहे हैं। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से चकला की सड़क की दुर्दशा देखकर अविलम्ब इस सड़क के निर्माण की मांग की है।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उक्त सड़क मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से 2 करोड़ 18 लाख 16 हजार 479 रुपये की लागत से बनाये जाने को लेकर संवेदक द्वारा तीन वर्ष पूर्व ही बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमें कार्य प्रारंभ की तिथि 28 अक्टूबर 2017 है, और समाप्ति का तिथि 27 अक्टूबर है । बताया कि पिछले वर्ष संवेदक द्वारा गांव से बाहार थोड़ा बहुत मिट्टी डलवाया था, लेकिन आधा अधूरा ही मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया।


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