मधेपुरा : कोरोना काल में फीस बढ़ोतरी व परीक्षा की बात करना उचित नहीं -राठौर

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : वाम छात्र संगठन ए आई एस एफ के राज्य सचिव मण्डल की बैठक आज फोन कॉन्फ्रेंस के द्वारा राज्य अध्यक्ष रंजीत पंडित की अध्यक्षता व राज्य सचिव सुशील कुमार के संचालन में  की गई।

बैठक में सूबे की शैक्षणिक हालात पर राजभवन की चहलकदमी पर चर्चा की गई। बैठक में यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की राज्यपाल सह कुलाधिपति एवम् मुख्यमंत्री से पत्राचार कर मांग किया है कि वर्तमान दौर में बिहार में कोरोना तीव्र रफ्तार से फैल रहा है, ऐसे हालात में राज्य के अंदर किसी भी स्तर पर परीक्षा लेना किसी बड़ी अनहोनी को आमन्त्रित करेगा, जिसमें छात्र, शिक्षक व कर्मी के संक्रमित होने का खतरा बढ़ेगा।

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राज्य उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय परिषद् सदस्य सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि यूजीसी गाइड लाइन को आधार मानते हुए बिहार में भी फाइनल ईयर व समेस्टर को छोड़कर शेष ईयर के छात्रों को पिछले वर्ष के आधार पर जनरल प्रमोशन के द्वारा अगले क्लास में डाला जाए और शेष परीक्षाओं को थोड़ा समय लेकर फिजिकल डिस्टेंस व अन्य सुरक्षा के आधार पर लिया जाए। राठौर ने कहा कि  यह भी मांग किया गया है कि प्रमोशन वाले छात्रों के लिए निकट भविष्य में इंप्रूवमेंट परीक्षा की भी व्यवस्था हो, जिसमे इच्छुक छात्र भाग ले सके और दोनों में अधिकतम मार्क ही मान्य हो।

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संगठन की ओर से यह भी मांग किया गया है कि ऑनलाइन परीक्षा की भी सुगबुगाहट है जो निराधार है, क्योंकि सूबे के सभी छात्रों के पास स्मार्ट फोन, लैपटॉप, इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा सुलभ नहीं है। इसलिए इसकी इजाजत न दी जाए। राठौर ने कहा कि संगठन की ओर से यह भी कहा कि गया है इस विषम दौर में कई विश्वविद्यालयों द्वारा फीस बढ़ोतरी की गई है जो दुखद  है। ऐसे समय में सबकी आर्थिक हालत कमजोर हुई है, इसलिए ऐसे फैसलों पर रोक लगाते हुए महामारी के दौर में हर प्रकार के फीस को माफ किया जाय और विश्वविद्यालय को हुई क्षति की भरपाई राज्य सरकार करे।

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राठौर ने कहा कि सोमवार या मंगलवार तक सभी विवि के कुलपतियों से चर्चा के बाद राजभवन परीक्षा को लेकर घोषणा करने वाला है। ऐसे में संगठन की मांग है कि छात्रहित में ए आई एस एफ के मांग पर गंभीरता से विचार किया जाए। राठौर ने कहा कि राज्य सचिव मण्डल की बैठक में विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक स्थिति पर भी चर्चा की गई। राठौर ने कहा कि छात्र शिक्षक व कर्मी समाज की अमूल्य धरोहर हैं इन्हें परीक्षा द्वारा खतरे में नहीं डाला जा सकता।


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