मधेपुरा : लॉकडाउन 4 में मिली छूट का नहीं करें दुरुपयोग

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है। वहीं लॉक डाउन 4.0 में छूट मिलते ही लोगों ने तो लॉक डाउन का खत्म होना ही समझ लिया है। जिसमें तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना या गाड़ी का किसी और कारण से अनियंत्रित होना बढ गया है। सड़कों पर पूर्व की भांति लोगों की भीड़ लगने लगी है। लोगों एवं वाहनों के आवागमन के कारण सड़के जाम होने लगी है। सड़कों पर वाहनों को रोककर लोग एक दूसरे से गप मारते हुए दिख रहे हैं। लोग हाथों में हाथ डालकर टोलियां बनाकर सड़कों पर चलते हुए नजर आ रहे हैं।

नहीं हो रहा शारीरिक दूरी का पालन : बाजार में कहने को पुलिस द्वारा कई जगहों पर बेरियर लगा कर वाहन जांच करने की बात कही जा रही है। बावजूद किसी चेक पोस्ट पर पुलिस सक्रिय नहीं दिखती है. किसी भी थाना क्षेत्र में वाहन की गतिविधि कम नहीं हो रही है। पुलिस लॉक डाउन का पालन कराने में शिथिल पड़ गई है। इस कारण सुबह से लेकर शाम तक बाजारों में भीड़ लगी रहती है। गुरूवार को भी सुबह से लेकर शाम तक मुख्य बाजार से लेकर कॉलेज चौक के पास भीड़ लगी रही। कोरोना संक्रमण में भीड़ देखकर ऐसा लग रहा है कि किसी खतरे की भीड़ है। बाजारों में लॉक डाउन की धज्जियां उड़ रही है। खरीदारी करने आए लोग एक दूसरे से दूरी बनाए बगैर खरीदारी करने में मस्त रहते है, जो सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश का साफ तौर पर उल्लंघन है।

लॉक डाउन 4.0 में छूट मिली तो सड़के होने लगी है जाम: गौरतलब है कि केंद्र सरकार के द्वारा पहला 22 मार्च को जनता कर्फ्यू किया गया. उसके बाद 23 मार्च से राज्य सरकार एवं 24 मार्च से केंद्र सरकार के द्वारा लॉक डाउन किया गया. जिसमें सड़कों पर बिना वजह घूम रहे लोगों पर पाबंदी लगा दी गई थी। वहीं 15 अप्रैल को लॉक डाउन 2.0 में वही नियम लागू थी। तीन मई को लॉक डाउन 3.0 में राज्य सरकार के द्वारा थोड़ी सी ढील मिली तो सड़कों पर वाहनों का परिचालन आम दिनों की तरह चलने लगा, जैसे ही 18 मई से लॉक डाउन 4.0 में छूट मिली तो सड़के जाम होने लगी है।

बिना माक्स के सड़कों पर बेतहाशा घूम रहे हैं लोग : पुलिस के द्वारा भी बिना कारण घूमने वाले लोगों को सड़को पर आवजाही करने से रोका नहीं जा रहा है. लोग कोरोना वायरस के संक्रमण को समझ नहीं पा रहे हैं। बिना माक्स के सड़कों पर बेतहाशा घूम रहे हैं। सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्हें यह भी पता नहीं है कि यह वायरस उनके लिये एवं उनके परिवार के लिये तथा समाज के लिए कितना घातक है। लोग सड़कों पर बेतहाशा घूम रहे हैं और लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहे हैं।


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