मधेपुरा कोरोना एलर्ट : सड़कों पर वाहन चालकों की मनमौजी, खतरे में जिलावासी  

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जनता कर्फ्यू, लॉक डाउन, लॉक डाउन 2.0 समेत लॉक डाउन 3.0 के 57 दिन बीत चुके हैं । रविवार को लॉकडाउन 3.0 खत्म हो चुका है एवं सोमवार से लॉकडाउन 4.0 की शुरूआत हो चुकी है । वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के कहर से पूरी दूनिया त्राहिमाम कर रही है । संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है । इससे बचाव के लिए देश भर में केंद्र सरकार राज सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है । लेकिन कुछ अधिकारियों एवं कर्मियों की लापरवाही के कारण मधेपुरा के लोगों को भाड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है । अगर ऐसी स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब जिले में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है ।

रोजाना ट्रेन एवं बस के द्वारा मजदूरों को लाया जा रहा है वापस :

लॉक डाउन के दौरान बिहार के मजदूर एवं छात्र समेत अन्य लोग अभी भी बिहार के बाहर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, जो वापस घर आ रहे हैं, जिन्हें केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा रोजाना ट्रेन एवं बस के द्वारा वापस लाया जा रहा है तथा सभी लोगों को संबंधित जिले के संबंधित प्रखंड के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है, ताकि बाहर से आने वाले अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसकी पहचान कर उसका इलाज किया जा सके ।

 इसी दौरान मधेपुरा के मजदूरों एवं छात्रों को ट्रेन द्वारा जिले के आसपास के जिले के रेलवे स्टेशन पर लाया जा रहा है, जहां से मधेपुरा जिला प्रशासन के द्वारा बस भेजकर उन लोगों को जिला मुख्यालय स्थित बीएन मंडल स्टेडियम में लाया जा रहा है । जहां से उन लोगों को संबंधित प्रखंड के क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है ।

बसों की छतों पर बैठे मजदूरों की जिंदगी खतरे में :

जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए बस के चालक बस में सवार मजदूरों के साथ जानवरों की तरह व्यवहार करते हैं । बस चालक द्वारा बेतरतीब तरीके से जबरन मजदूरों को बस में ठूस दिया जाता है, साथ ही बसों की छतों पर भी बैठा दिया जाता है, जिससे मजदूरों की जिंदगी खतरे में रहती है । वहीं बस चालकों का जहां भी मन होता है, वहीं पर मजदूरों को उतार दिया जाता है । रविवार को कॉमर्स कॉलेज की ओर से बीएन मंडल स्टेडियम जा रहे लगभग एक सौ मजदूरों ने कहा कि बस चालकों का व्यवहार अच्छा नहीं है ।

वाहन चालक के लापरवाही का खामियाजा भुगतेंगे जिले के लोग :

मजदूरों ने कहा कि सभी मजदूर अलग-अलग राज्यों से सहरसा पहुंचे थे, जिसके बाद मधेपुरा जिला प्रशासन के द्वारा भेजी गई बस पर उन लोगों को चढ़ाया गया । मधेपुरा पहुंचने से पूर्व उन लोगों को जबरन कॉमर्स कॉलेज के पास उतार दिया गया और पैदल स्टेडियम जाने को कहा गया । कॉमर्स कॉलेज के पास जबरन उतार उतारे गए मजदूर पैदल बीएन मंडल स्टेडियम की ओर चल पड़े, रास्ते में सारे मजदूर जहां-तहां लोगों से बीएन मंडल का रास्ता पूछते दिखे कई मजदूर रास्ते में खुले दुकानों से सामान भी खरीदा । वहीं कई मजदूर रास्ते में लगे चापाकल से पानी भी पिया । ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कोरोनावायरस है तो संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा । वाहन चालक के लापरवाही का खामियाजा जिले के लोगों को भुगतना पड़ेगा ।

 इस बाबत एमवीआई राकेश कुमार ने बताया वाहन चालकों को साफ निर्देश दिया गया है कि लोगों को गंतव्य स्थान से उठाकर उनके गंतव्य स्थान तक छोड़ें । किसी वाहन चालक ने लोगों को रास्ते में उतारा है तो वाहन की पहचान कर वाहन चालक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।


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