मधेपुरा : कोसी-सीमांचल के लोगों के लिए अच्छी खबर, पहला कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज हुई ठीक, डिस्चार्ज

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा समेत आसपास के जिले के लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। कोसी-सीमांचल का पहला कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज ठीक हो गई है। जिसे नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के द्वारा रविवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है। जिसके बाद मरीज रविवार को अपने घर की ओर रवाना हो गई है।

 मालूम हो कि मधेपुरा जिले के बिहारीगंज प्रखंड अंतर्गत गंगोरा में 24 अप्रैल को कोसी एवं सीमांचल का पहला कोरोना पॉजीटिव केस सामने आया था। 46 वर्षीय मरीज के पॉजिटिव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया था। गांव के एरिया को सील कर दिया गया था। कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया था। जिसके बाद जिन-जिन गांव मे संक्रमित मरीज गयी थी, उन स्थानों को अनुमंडल प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था। वही आसपास रहने वाले लोगों को उनके घरों में ही क्वारंटाइन कर दिया गया था। जबकि दर्जनों लोगों को जिला मुख्यालय में जांच के लिये भेजा गया।

14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह : बिहारीगंज की कोरोना पॉजिटिव संक्रमित महिला की सूचना 24 अप्रैल को मिली थी। जिसके बाद 25 अप्रैल को संक्रमित महिला को नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में इलाज शुरू हो गया। चिकित्सकों का इलाज सफल रहा, जिसके बाद एक एवं दा मई को लगातार महिला का सैंपल लेकर जांच किया गया, जिसमें कोरोना नेगेटिव सामने आया, जिसके बाद महिला को तीन मई को डिस्चार्ज कर दिया गया है एवं उसे अपने घर जाने की अनुमति दे दी गई है, साथ ही चिकित्सकों द्वारा उन्हें 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह दी गई है।

पोजेटिव होने के बाद सील हुआ था मधेपुरा : बिहारीगंज प्रखंड में एक व्यक्ति के कोरोना वायरस के संक्रमित होने की सूचना मलते ही जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला द्वारा मोहनपुरा रहटा पंचायत के तीन किलोमीटर की परिधि को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया था। इस क्षेत्र के अंतर्गत सभी निजी एवं सार्वजनिक प्रतिष्ठान एवं मार्गों को अगले आदेश तक पूर्णत: बंद कर दिया गया था। किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र में ना तो प्रवेश की और ना ही बाहर जाने की इजाजत थी । इस क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह निषेध किया गया था। इसके साथ ही मधेपुरा से सटे हुए अन्य जिले सहरसा एवं सुपौल के जिला प्रशासन द्वारा बॉर्डर को भी सील कर दिया गया था। एसेंशियल सर्विस के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति को एक जिले से दूसरे जिले आने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। जिसमें सहरसा जिला क्षेत्र के सबेला के पास एवं कहरा मोड़ के पास दंडाधिकारी एवं पुलिस अधिकारी के साथ पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।


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