दरभंगा/बिहार : कोरोना जैसी महामारी के बीच सभी चिकित्सक और पारा मेडिकल कर्मी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन कोरोना के इस महामारी में कठिन कार्य कर रहें हैं मेडिकल लैब टेक्नीशियन जो कोरोना संदिग्ध मरीजों के पास रहकर अपना जान जोखिम में डालकर जांच सैंपल ले रहें हैं।
ऐसा ही डीएमसीएच मे कार्य कर रहे मेडिकल लैब टेक्नीशियन अकील अहमद लगातार एक योद्धा की तरह कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं 22 अप्रैल से डीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में लगातार करोना संदिग्ध मरीजों का जांच सैंपल के कार्य में लगे हुए हैं। इस बीच एक करोना संदिग्ध मरीज का रिपोर्ट भी पॉजिटिव आया था और इसके परिवार के छह सदस्यों का जाँच भी इन्ही के द्वारा लिया गया।
कोरोना योद्धा अकील अहमद इससे पूर्व 3 अप्रैल से जिला स्तरीय क्विक रिस्पांस टीम में कार्य कर रहे थे जिसमें मुंबई से सिंहवाड़ा आए, दिल्ली से बहेड़ी आए और पटना से दरभंगा सदर आए डेड बॉडी का भी जांच सैंपल लेने का कार्य किया। इससे पूर्व में कई माह से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हायाघाट प्रखंड के क्षेत्रों में लगातार कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों का घर घर जाकर सर्वे किया।
इस संबंध में कोरोना योद्धा अकील अहमद ने बताया कि लगातार कई माह से जान जोखिम में डालकर कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं और जब भी जांच का कार्य करके देर रात तक घर पहुंचते हैं तो सीधा बाथरूम में जाकर पूरा कपड़ा निकाल कर डिटर्जेंट में डाल देते हैं और स्नान करके ही रूम में प्रवेश करते हैं और अलग से ही घर पर ही क्वॉरेंटाइन में रहते हैं। इस सम्बन्ध में अहमर जिया बताते है कि मुझे गर्व है कि अकील भाई हमारे मोहल्ले से हैं जो डीएमसीएच में ड्यूटी करते है। जब सरकार के तरफ से पीपीई कीट नहीं मिला था तभी से कोरोना के खिलाफ जंग में उतरे हुए हैं।