दरभंगा/बिहार : मानवाधिकार इमरजेंसी हेल्पलाइन के प्रदेश अध्यक्षअभिजीत कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि करोना वायरस से बचाव के लिए बिहार सरकार ने सभी राशन कार्ड वाले को 1 महीने का राशन मुफ्त बांटने का ऐलान किया है, साथ ही ₹1000 रुपया भी देने की बात कही है, लेकिन क्या मजदूर का परिवार ₹1000 रुपया और कुछ चावल गेहूं से जी पाएगा जो हर दिन 4- 5 सौ रुपए की मजदूरी कर अपने परिवार का पूरा पेट नहीं पाल पाता और ना ही जरूरत की वस्तुएं ले पाता है।
इस लॉकडाउन से ऐसे मजदूर एवं उनके परिवार तो बिना खाए ही मर जाएंगे। सरकार इसे और गंभीरता से लें और जहां ₹1000 किया गया है उसे कम से कम 5000 करें ताकि मजदूर अपने परिवार के जरूरत का सामान ले पाए और बहुत ऐसे मजदूर परिवार है जिनका नाम राशन कार्ड में किसी कारण नहीं है, वैसे परिवार को चिन्हित कर उसे भी राशन कार्ड का लाभ दें।
दूसरी तरफ सरकार ने डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को 1 महीने का मूल वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देने का जो ऐलान किया है, यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बहुत सराहनीय कदम है, लेकिन इस प्रोत्साहन के हकदार पुलिसकर्मी भी है और उसे भी इस प्रोत्साहन राशि से वंचित ना किया जाए क्योंकि लॉक डाउन में सबसे अहम भूमिका पुलिस विभाग की है। दिन रात पुलिसकर्मी सड़को पे गश्त लगा रहे हैं और लोगों को बिना जरूरी के घर से ना निकलने की अपील कर रहे हैं। आज पुलिस के कारण लोग सुरक्षित घरों में है साथ ही सभी पुलिसकर्मी को इस वायरस से बचाव के लिए मास्क एवम सैनिटाइजर भी सरकार उपलब्ध कराएं क्योंकि एक वाहन में कई पुलिसकर्मी बैठते हैं दिन रात लॉकडाउन को सफल बनाने में लोगो और वस्तुओं को छूते रहते हैं।