BNMU Campus  : दर्शन परिषद बिहार का 42 वां वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन तत्काल स्थगित

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बिहार सरकार एवं राजभवन पटना द्वारा जारी निदेशों के आलोक में कोरोना वायरस के खतरों के प्रति एहतियात बरतते हुए भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में 20 से 22 मार्च को सुनिश्चित दर्शन परिषद बिहार का 42 वां वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन तत्काल स्थगित कर दिया गया है। आयोजन की नई तिथि कोरोना से संबंधित खतरों के टलने के बाद घोषित की जाएगी एवं हर संभव माध्यमों से संबंधित व्यक्तियों को सूचित करने का प्रयास किया जाएगा।

उक्त जानकारी बीएनएमयू के कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद यादव एवं आयोजन सचिव सह जनसंपर्क पदाधिकारी डा सुधांशु शेखर ने दी। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि कार्यक्रम में शामिल होने को इच्छुक सभी शिक्षक एवं शोधार्थी परिस्थितियों को समझेंगे एवं हमारे प्रति पूर्ववत आशीर्वाद एवं प्रेम बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा है कि आयोजन समिति अधिवेशन के सफल आयोजन एवं सभी प्रतिभागियों के शानदार आतिथ्य के लिए प्रतिबद्ध एवं तत्पर है, लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं एवं विभिन्न कार्यों एवं जिम्मेदारियों का बंटबारा भी किया जा चुका है।

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तीन सौ प्रतिभागियों ने कराया पंजीयन : अधिवेशन के स्वागताध्यक्ष द्वय ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो डा केपी यादव एवं दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो डा ज्ञानंजय द्विवेदी ने बताया कि यह अधिवेशन बीएनएमयू में पहली बार होने जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए देश के लगभग तीन सौ शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्र-छात्रओं ने अपना पंजीयन कराया है। इसमें कोसी एवं सीमांचल के अतिरिक्त भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, आरा, गया, धनबाद, रांची, वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, कोलकाता, नई दिल्ली, वर्धा, सागर, जोधपुर आदि जगहों के प्रतिभागी शामिल हैं। सभी प्रतिभागियों को व्हाट्सएप एवं ईमेल के माध्यम से भी कार्यक्रम स्थगन की सूचना प्रेषित की जा रही है।

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कुलपति ने कि सहयोग की अपील : बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने बताया कि यह अधिवेशन बीएनएमयू के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इसमें शामिल होने के लिए पूर्व सांसद सह पूर्व कुलपति प्रो डा रामजी सिंह, पूर्व कुलपति डा सोहनराज तातेड़, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष प्रो डा रमेशचन्द्र सिन्हा, अखिल भारतीय दर्शन परिषद के अध्यक्ष प्रो डा जटाशंकर, उत्तर भारत दर्शन परिषद के अध्यक्ष प्रो डा सभाजीत मिश्र, भारतीय महिला दार्शनिक परिषद की अध्यक्षा प्रो डा राजकुमारी सिन्हा, अंतरराष्ट्रीय सामज दर्शन परिषद् के महासचिव प्रो डा सिराजुल इस्लाम, बिहार दर्शन परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रो डा प्रभु नारायण मंडल, अध्यक्ष प्रो डा बीएन ओझा एवं महासचिव डा श्यामल किशोर सहित कई गणमान्य दार्शनिकों एवं विद्वानों ने अपनी सहित प्रदान की है। उन्होंने इन तमाम अतिथियों सहित सभी प्रतिभागियों से अपील की है कि वे आयोजन स्थगित होने से हुई असुविधाओं को भूलकर विश्वविद्यालय को पूर्ववत अपना सहयोग देते रहेंगे।

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बिहार एवं मध्यप्रदेश के राज्यपाल का मिला शुभकामना संदेश: बीएनएमयू प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने बताया कि अधिवेशन के लिए बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णानंदन प्रसाद वर्मा, उर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव सहित कई गणमान्य राजनेताओं एवं विद्वानों का शुभकामना-संदेश प्राप्त हो चुका है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य गणमान्य राजनेताओं एवं शिक्षाविदों को भी शुभकामना संदेश के लिए अनुरोध पत्र भेजा गया है। यह अधिवेशन भारत सरकार के अंतर्गत संचालन भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा संपोषित है। इसका मुख्य विषय शिक्षा, समाज एवं संस्कृति रखा गया है। शिक्षा, समाज एवं संस्कृति में गहरा संबंध है। इन तीनों के विभिन्न आयामों पर विचार करना ही इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है।

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अधिवेशन के अवसर पर दो विशेष संगोष्ठि आयोजित : अधिवेशन के अवसर पर दो विशेष संगोष्ठियांं भी आयोजित की गई है। पहली संगोष्ठी का विषय बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत है, दूसरी संगोष्ठी गांधी 150 : विमर्श एवं विकल्प पर केन्द्रित है। अधिवेशन में पांच विभागों (समाज दर्शन, धर्म दर्शन, नीति दर्शन, तत्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा) के अंतर्गत शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इन विभागों में 35 वर्ष से कम आयु के लोगों द्वारा पढे जाने वाले श्रेष्ठ पांच आलेखों (प्रत्येक विभाग में एक) पर जेएन ओझा स्मृति युवा पुरस्कार (प्रत्येक पुरस्कार एक हजार रूपये का) प्रदान किया जाएगा। इसी तरह 35 वर्ष से कम उम्र के पांच अन्य लोगों को एक-एक हजार का डा विजय श्री स्मृति युवा पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा सभी विभागों में प्रस्तुत एक सर्वश्रेष्ठ आलेख पर दो हजार रुपये का प्रोफेसर सोहनराज लक्ष्मीदेवी तातेड़, जोधपुर (राजस्थान) पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।


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