नालंदा : सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन 45 दिनो से जारी

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मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

नालंदा/बिहार :जिला के सिलाब प्रखंड के अंतर्गत आसिम बाग हैदरगंज कड़ाह में 45 दिनों से सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे काले कानून के खिलाफ लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है, इस धरना-प्रदर्शन में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या अधिक पहुंच रही है। रात के 9:00 वजे इस धरना-प्रदर्शन पर कई समाजी, सियासी और समाजसेवियों ने भाग लेकर धरना पर बैठे धरनार्थियों को संबोधित किया।

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धरना में भारतीय मोमिन फ्रंट के अध्यक्ष महमूद आलम, समाजसेवी महेश गोप, मो0 महबूब आलम, सामाजिक कार्यकर्ता मिथिलेश कुमार, डॉक्टर इकबाल अहमद, राकेश कुमार पटेल और कुमार हरिचरण ने भाग लिया।

इस अवसर पर भारतीय मोमिन फ्रंट के अध्यक्ष महमूद अंसारी ने धरनार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए यह काला कानून जनता के ध्यान को भटकाने के लिए और किसी खास धर्म के लोगों को परेशान करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि जब देश में पहले से सीएए कानून सविधान में मौजूद है तो फिर यह कानून लाने की सरकार को क्या आवश्यकता थी इससे यह साफ जाहिर होता है कि पुराने कानून में सभी धर्मों को नागरिकता देने का प्रावधान था लेकिन इस नए कानून में मुसलमानों को अलग रखा गया है।

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डॉक्टर इकबाल अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार देश के संविधान को बदलकर मनुवादी सरकार लाना चाहती है। देश और देश के संविधान को बचाने के लिए हम हर तरह कुर्बानियां देने के लिए तैयार है लेकिन देश और देश की संविधान के साथ किसी को भी छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। समाजसेवी महेश गोप ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई की आपसी भाईचारगी को केंद्र सरकार तोड़ना चाहती है जो देश की जनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी और गंगा जमुनी तहजीब की पहचान बनी रहेगी।

मो०महबुब आलम ने कहा की काला कानून देश के हित में बिल्कुल ही नहीं है। समाजसेवी महेश गोप ने कहा कि केंद्र सरकार इस काले कानून को तत्काल प्रभाव से सीएए, एनआरसी और एनपीआर बापस लें और देश की जनता की बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी की समस्या पर ध्यान दें। राकेश कुमार पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार की काला कानून से सिर्फ मुस्लिम समाज का हानी नहीं है बल्कि यह कानून से देश के दलित, महादलितों को सबसे अधिक प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि देश की दलित, महादलित और आदिवासी समाज इस झांसे में ना रहे कि हमारा नुकसान नहीं है मुसलमानों से तो ज्यादा इन्हीं लोगों का ही इस काले कानून से नुकसान होगा।

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कुमार हरिचरण ने कहा की यह काला कानून लाकर देश के बिगड़ते हालात से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है। देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और गिरते अर्थव्यवस्था से जनता काफी परेशान है और सरकार यह कानून लाकर देश की जनता को ध्यान हटाना चाहती है और देश में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई की एकता को खंडित करने का काम कर रही है, जो देश और संविधान के हित में बिल्कुल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार इस काले कानून को तत्काल वापस ले और देश की जनता की समस्या पर अपना ध्यान देकर देश की जनता के हित में काम करें। देश और देश की संविधान को बचाने के लिए आज सभी लोग संघर्षरत हैं इसलिए सरकार को इनके संघर्षों पर भी विचार विमर्श करना चाहिए और सीएए, एनआरसी और एनपीआर को जनता के हित में और देश के हित में तत्काल वापस ले लेना चाहिए।


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