मधेपुरा : हड़ताली शिक्षकों ने जिला मुख्यालय में निकाला आक्रोश मार्च, सरकार के प्रति किया करारा रोष प्रकट

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बिहार राज्य के संघर्ष समन्वय समिति के आवाहन पर अनिश्चितकालीन हड़ताल के 18 वें दिन गुरुवार को हड़ताली शिक्षकों ने जिला मुख्यालय में आक्रोश मार्च निकाला। जिला मुख्यालय स्थित कला भवन से प्रश्न निकाला गया। शिक्षकों ने सरकार के विरुद्ध नारे लगाते हुए शहर का भ्रमण करते हुए समाहरणालय के समीप राज्य सरकार के प्रति करारा रोष प्रकट किया ।

सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष मंडल के सदस्य सह बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि राज्य सरकार के हटधर्मिता एवं शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति के कारण सुबह के चार लाख प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ एवं पुस्तकालय अध्यक्ष 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निर्भीकता के साथ डटे हैं।

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उन्होंने कहा कि शिक्षकों की हड़ताल का 18 दिन हो गया है, लेकिन सरकार मांगों की पूर्ति करने के बजाय, हड़ताली शिक्षकों को डरा धमका रही है । तुगलकी फरमान जारी कर बर्खास्तगी, निलंबन, प्राथमिकी दर्ज करवा रही है, जो अंग्रेजी हुकूमत की याद जिंदा कर रही है. सरकार के गीदड़ भभकी से शिक्षक डरने वाला नहीं है । सरकार अराजक स्थिति पैदा करना चाहती है. वैसे हम सब भी हक प्राप्ति के लिए शिक्षक विरोधी सरकार के फरमान का मुकाबला करने को तैयार हैं । सरकार आंदोलनकारी हड़ताली शिक्षकों को आक्रमणकारी बनने को बाध्य ना करें । सहायक शिक्षक की भांति वेतनमान, पुराने शिक्षकों का सेवा शर्त, राज्य कर्मी का दर्जा, पुरानी पेंशन लागू करवाने तथा हड़ताली शिक्षकों पर की गई विभिन्न कार्यवाही को वापस लेने तक संघर्ष जारी रखते हुए शिक्षक हड़ताल पर डटे रहेंगे ।

 प्रदर्शन का नेतृत्व जिला समन्वय समिति के संयोजक लाल बहादुर यादव, जिलाध्यक्ष संजय कुमार, रणधीर कुमार, सुबोध पासवान, जिला सचिव भुवन कुमार, हरेराम कुमार, संजय जयसवाल ने संयुक्त रूप से किया। अपने संबोधन में शिक्षकों ने कहा कि हड़ताली शिक्षक अपने सात सूत्री मांगों को पूरा करने तक सरकार से हक की लड़ाई के लिए आर पार करने को तैयार है।

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 मौके पर जयकुमार ज्वाला, विनोद कुमार, भूपेंद्र यादव, मुकेश कुमार सुनील, सुबोध कुमार सुधीर, संजय पुतुल, प्रभाषचंद्र भास्कर, मदन कुमार, अशोक कुमार, चंद्रशेखर चंदू, अजय कुमार, सतीश कुमार, सुरेंद्र कुमार, संजीव कुमार संजीव, ऋषि कुमार, इंद्रजीत कुमार इंदु, संजय क्रांति, विजय भगत, सामंत सानू, आजाद भारती, बृज बिहारी भूषण, अजय कुमार प्रभाकर, लाल बहादुर, संजीव कुमार सुमन, विजय कुमार, कुंज बिहारी सिंह, कंचन निराला, पवन कुमार, अनिल भास्कर, दिवाकर कुमार, प्रिया यादव, पुष्पा कुमारी, नीतू कुमारी, कल्पना कुमारी, सुप्रिया कुमारी, रेखा रमन, पूनम कुमारी, सुशीला कुमारी, नंदकिशोर राम, कपिलदेव राम, धर्मेंद्र राम, सज्जाबुल, एसुुअर रहमान, खुर्शीद आलम समेत अन्य शिक्षक उपस्थित थे ।


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