मधेपुरा में अनिश्चितकालीन धरना आठवें दिन भी जारी, कहा- CAA, NRC, NPR  किसी भी रूप में स्वीकार नहीं

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अगर हम सही नहीं तो फिर सरकार कैसे सही-प्रो जवाहर

देश में सरकार को CAA , NRC, NPR लागू करने की नहीं बल्कि शिक्षा स्वास्थ, रोजगार      पर पहल की दरकरार-राठौर

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : NRC, CAA और NPR  के  खिलाफ लगातार विरोध का दौर जारी है। देश के हर भाग में बड़ी संख्या में लोग सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़क पर हैं। खासकर महिलाओं की बड़ी आबादी आंदोलन की कमान अपने हाथ में ले चुकी है।

दिल्ली के शाहिन बाग से लेकर विभिन्न जगहों पर लंबे समय से लोकतांत्रिक तरीके से लगातार आंदोलन जारी है। मधेपुरा के मस्जिद चौक पर विगत आठ दिनों से सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम औरतें अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ अपना विरोध दर्ज करा रही हैं। जिले में पहली बार ऐसा देखने में आ रहा है कि औरतों की बड़ी आबादी अपने हक की कड़ाई को लेकर आंदोलनरत हैं। सबसे ज्यादा खास बात यह है कि इस आंदोलन को समाज के कई वर्ग के लोगों का अनवरत सहयोग मिल रहा है।

सोमवार को सीनेट, सिंडीकेट सदस्य सह प्रखर राजनीितक शास्त्री प्रो जवाहर पासवान,  चर्चित वक्ता सह वाम छात्र संगठन ए आई एस एफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर, छात्रा फराह प्रवीण सहित कई वक्ताओं ने एक स्वर में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को देश का गद्दार बताया।

धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रो जवाहर पासवान ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से नाकामयाब साबित हुई है। अपनी कमी को छुपाने के लिए CAA,NRC और NPR  को जबरन कुछ खास वर्ग को टारगेट कर थोपा जा रहा है जिसे किसी भी स्तर पर बर्दास्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह किसी हास्यास्पद से कम नहीं है कि जिसके वोट से यह सरकार बनी है उसी से यह सरकार उसके नागरिकता को लेकर प्रमाण की मांग कर रही है। अगर जनता सही नहीं है तो फिर यह सरकार कैसे सही हो सकती है।

राष्ट्रीय फलक के वक्ता सह वाम छात्र संगठन ए आई एस एफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह किसी एक वर्ग की लड़ाई नहीं बल्कि पूरे देश की लड़ाई है। इस देश में CAA, NRC या NPR  पर बात करने की जरूरत नहीं है बल्कि देश के विकास से जुड़े शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार के क्षेत्र में देश को मजबूत करने की जरूरत है। मुसलमानों को किसी भी कीमत पर सवालों के घेरे में नहीं डाला जा सकता क्योंकि यह देश जितना हिन्दुओं का है उतना ही मुसलमानों का भी। अगर मुसलमानों पर सवाल खड़े किए जाएंगे तब सरकार भी संदेहों के घेरे में आएगी। केंद्र सरकार आरएसएस के इशारे पर देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री  पर निशाना साधते हुए कहा कि  जो लगातार तडीपार रहा हो वो नागरिकता कानून की बात करे इससे बड़ा कुछ और हास्यास्पद नहीं हो सकता । उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार को हर हाल में इसे वापस लेना होगा । उन्होंने उपस्थित लोगों से बुलन्द अपील करते हुए कहा की आप कमजोर न समझें इस लड़ाई में हर मोड़ पर वो साथ हैं किसी भी कीमत पर वो कागज़ न दिखाएं। यह लड़ाई जितना मुसलमानों का है उतना ही हिन्दुओं का भी ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छात्रा फराह प्रवीण ने कहा कि उनका उद्देश्य राजनीति करना नहीं है, बल्कि सरकार को यह आगाह करना है कि उसकी यह नीति किसी कीमत पर स्वीकार नहीं है। इसे हर कीमत पर वापस लेना होगा । अंतिम सांस तक इसको लेकर लड़ाई चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को उनकी नागरिकता पर संदेह है तो उन्हें सरकार पर संदेह है। किसी भी कीमत पर कागज नहीं दिखाने कि उन्होंने अपील करते हुए कहा कि शाहीन बाग की औरतों ने जो रास्ता दिखाया है उसे मजबूती से मुकाम तक पहुंचाया जाएगा। शिक्षक मो सरबर ने धरना को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह पर प्रहार करते हुए कहा कि दुखद है कि गृह मंत्री देशहित की बात करने के बजाय देश तोड़ने की बात कर रहे हैं। NPR,CAA,NRC   की जरूरत आखिर क्यों पड़ी ? उन्होंने कहा कि यह सारे कानून दूसरे के बच्चे को अपनाने और अपने बच्चे के प्रमाण मांगने जैसा है। धरना को कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।

मौके पर रजाउर रहमान “महरु”, प्रो, जयाउर रहमान, वसी अहमद सहित बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ साथ युवा और बुजुर्गों की मौजूदगी रही।


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