नालंदा : NPR, NRC और CAA के खिलाफ लगातार धरना प्रदर्शन जारी, सभी धर्मों के लोग हो रहे हैं शामिल

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मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

नालंदा/बिहार: जिले के प्रखंड मुख्यालय बिहारशरीफ में दर्जनों जगहों पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एनपीआर, एनआरसी और सीएए जैसे काले कानून के खिलाफ अपना आक्रोश दर्ज कर रहे हैं।

धरने में अब तक कांग्रेस, भाकपा माले, राजद, जदयू, इंसाफ मंच, रालोसपा जैसे कई पार्टियों के नेताओं ने समर्थन करते हुए लोगों को संबोधित करने का भी कार्य किया। शहर के शेखाना मोहल्ले और भैसासुर काशी तकिया मोहल्ले में ग्यारहवे दिन, कागजी मोहल्ला, कटरा पर, कोना सराय (कांटा पर) और सोह डीह मोहल्ले में हफ्तों दिन से ज्यादा से अनिश्चितकालीन धरना पर महिलाएं और पुरुष बैठे हुए हैं।

धरनार्थियों का कहना है कि जब तक याह काला कानून वापस नहीं लिया जाता है तब तक धरना पर बैठे रहेंगे कई लोगों ने बताया कि यह काला कानून धर्म को आधार पर बनाया गया है जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के आपसी भाईचारा और सौहार्द्र को तार-तार करने वाली है। देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था से परेशान सरकार काले कानून लाकर देश की जनता का ध्यान हटाना चाहती है। यह काला कानून देश के दलित, महादलित और अल्पसंख्यकों के विरोध में लाया गया है।भारत गंगा जमुनी तहजीब वाला देश है और यहां सभी धर्म के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं। इसलिए धर्म पर आधारित यह काला कानून की देश की जनता किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं है। सरकार अगर वापस नहीं लेती है तो एक और बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी केंद्रीय सरकार की होगी।

बिहार सरकार के दौरे रवैया पर जनता के बीच काफी आक्रोश देखा जा रहा है। एक तरफ संसद में बिहार सरकार समर्थन करती है तो दूसरी तरफ बिहार में से लागू नहीं होने की बात कहकर बिहार के जनता को गुमराह करने की कार्य कर रही है। ऐसे लोगों को चुनाव के समय जवाब दिया जाएगा। दूसरी तरफ शोह सराय मोहल्ले में महिलाओं और पुरुषों का एक विशाल कैंडल मार्च का आयोजन किया गया जिसमें हजारों महिलाएं शामिल थी।सर महिला प्रवीण महिला ने बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई की तरह अब हम लोग भी इस काले कानून के खिलाफ मैदान-ए-जंग में आ गए हैं। यह काला कानून किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है।


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