मधेपुरा : विज्ञानिक तकनीक का उपयोग कर खेती से बेहतर पैदावर-डॉ आरपी

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मुजाहिद आलम
संवाददाता
कुमारखंड मधेपुरा

कुमारखण्ड/मधेपुरा/बिहार : प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित कला मंच मैदान में रबी महोत्सव अभियान  सह कर्मशाला का आयोजन किया गया। जिसका विधिवत उदघाटन प्रखंड प्रमुख चंद्रकला देवी ने किया ।

मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केन्द्र मधेपुरा के वैज्ञानिक डॉ आरपी शर्मा, मिथलेश राय ने किसानों को जैविक खेती के बारे में जानकारी देते हुए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सभी किसानों को विज्ञानिक तकनीक का उपयोग कर जैविक खेती पर बल देना चाहिए । इस रबि मौसम में अनुदानित बीज विभाग द्वारा किसानों को दिया जाएगा जो किसान केंद्र कुमारखण्ड व भावनीपुर दुकान में उपलब्ध है।

 किसान बीज को उपचार कर खेतो में इस्तेमाल करते है बेहतर उपजाऊ के साथ किसी प्रकार का फसल में रोग का प्रभाव नही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद के बदले ज्यादा से ज्यादा वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर अच्छी पैदावार के साथ साथ खेत की उर्वरा शक्ति को भी बचाया जा सकता है । कृषि वैज्ञानिक डॉ एमके राय ने किसानों को संबोधित करते रबी फसल गेंहू सहित मक्का, आलू अन्य फसलों के पैदावार करने की जानकारी किसानों को दिया। उन्होंने कहा कि धान, गेंहू बिहार मुख्य फसल है। पिछले वर्ष गेंहू बुआई 15 नवंबर से किया गया था। अब की बार सभी किसान 1 नवंबर से 20 नवंबर तक गेहूं की बुआई कर ले। ससमय पर बुआई करने से बेहतर उपजाऊ होंगे। श्री विधि तकनीक से अगर आप किसानबंधु गेहूं की खेती करते हैं तो पैदावार अच्छा होगा। जीरो टिलेज मशीन तकनीक से किसान खेती करेंगे तो न केवल समय और 15 से 20 दिन की बचत होना संभव है। बल्कि उत्पाद का उच्च स्तर बरकरार रखते हुए खेती की तैयारी होने वाली लागत बचाई जा सकती है। किसानों को चाहिए कि जीरो टिलेज मशीन से गेहूं की बुआई समय पर करें। गेंहू बुआई से पहले अंकुरण अवश्य जांच कर ले। गेहूं की सिंचाई (पटवन) 3-6 चार बार समय पर करना चाहिए वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर बेहतर उपजाऊ और समय का बचत होगा।

आत्मा के परियोजना निदेशक राजन बालन ने    किसानों को प्रगतिशील खेती के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि  कभी भी किसी भी समय अगर किसानों को किसी तरह के प्रशिक्षण की जरूरत महसूस हो तो आत्मा के द्वारा हर तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा ।

मौके पर प्रगतिशील किसान शंभू शरण भारतीय ने औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय दोगुनी ही नहीं 10 गुणी तक किया जा सकता है ।

मौके किसान श्री सम्मान से सम्मानित प्रगतिशील किसान भोला प्रसाद यादव  ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर ही खेती को सुरक्षित एवं संरक्षित कर सकते हैं। अन्यथा जहर के कुप्रभाव से हम लोग ग्रसित होते रहेंगे।

 मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शंभू शरण सिंह, उपप्रमुख प्रतिनिधि नरेश कुमार,मंटू कुमार यादव, अशोक कुमार, देवेंद्र कुमार, नित्यानंद कुमार,दामोदर राम,प्रगतिशील किसान शंकर कुमार,नित्यानंद कुमार ,परमेश्वर यादव, सदरे आलम,निजाम,कलाम,बिजय मेहता, हरि मेहता सहित अन्य किसान मौजूद थे । 


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